अब ब्लैक फंगस पर कंट्रोल की बारी, US ने भेजी मदद की ताजा खेप, भारत को अबतक मिले 2 लाख इंजेक्शन

 


कोरोना संकट के जूझ रहे देश में ब्लैक फंगस का कहर भी देखने को मिल रहा है. ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए जरूरी दवाई एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन का एक और कंसाइनमेंट यूनाइटेड स्टेट ने भारत भेजा है. अब तक कुल 2,00,000 डोज भारत को मिली है.

कोरोना संक्रमण से जूझ रहे मरीजों पर अब म्यूकोरमाइकोसिस(ब्लैक फंगस) का भी खतरा मंडरा रहा है. देश में लगातार ब्लैक फंगस महामारी के तौर पर उभर रहा है. इस बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाले एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन (AmBisome) की एक और खेप भारत पहुंच गई है. इस इंजेक्शन को एक अमेरिकी दवा कंपनी ने भेजा है.

अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि भारत को 2,00,000 डोज पहले ही पहले ही दी जा चुकी है. भारत सरकार म्यूकोरमाइकोसिस से निपटने के लिए लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए हर कोशिश कर रही है. उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने कई अन्य कंपनियों को लाइसेंस दिया है जो इस दवा को बना सकती हैं.

PM मोदी ने इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश

ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच इंजेक्शन की भारी किल्लत देखने को मिली थी. पीएम मोदी ने ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले एम्फोटेरिसिन इंजेक्श को कहीं से भी देश में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था.अमेरिकी कंपनी भेज रही कंसाइनमेंट स्वास्थ्य विभाग ने पीएम के निर्देश के बाद अलग-अलग देशों से संपर्क साधा, जिसके बाद अमेरिका स्थिति गिलियड साइंसेज बोर्ड ने भारत में इस दवाई को सप्लाई करने के लिए कदम बढ़ाया था.  

10 लाख डोज देगी अमेरिकी कंपनी

अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक अमेरिकी कंपनी 1 मिलियन डोज भारत भेजेगी. ब्लैक फंगस के बढ़ते खतरे के बीच सरकार की यही कोशिश है कि जरूरी दवाइयों की किल्लत सामने न आने पाए.

भारत में भी होगा एम्फोटेरिसिन इंजेक्शन का उत्पादन ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले एम्फोटेरिसिन इंजेक्श का उत्पादन अब भारत में भी होगा. वर्धा में जेनेटेक लाइफ साइंसेज ने इस इंजेक्शन को तैयार किया है. भारत में अब तक एक ही कंपनी इस दवा का उत्पादन करती थी.



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