Vidur Niti : विदुर नीतियों को आज के समय में भी प्रासंगिक माना जाता है। इनकी नीति अनुसार इंसान की कुछ ऐसी आदतें होती हैं जो उसे पतन की ओर ले जाती हैं।
महात्मा विदुर महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक हैं। इन्हें दूरदर्शी और महान ज्ञाता माना जाता है। विदुर जी को बहुत पहले ही ये ज्ञात हो गया था कि महाभारत युद्ध के परिणाम विनाशकारी होंगे। विदुर नीतियों को आज के समय में भी प्रासंगिक माना जाता है। इनकी नीति अनुसार इंसान की कुछ ऐसी आदतें होती हैं जो उसे पतन की ओर ले जाती हैं। इन अवगुणों के होने पर व्यक्ति का जीवन बहुत जल्दी नष्ट हो जाता है। जानिए क्या कहती है विदुर नीति…
विदुर नीति अनुसार लालच और स्वार्थ को व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु माना गया है। जो व्यक्ति किसी भी चीज को लेकर लालच करता है, उसका जीवन बहुत जल्दी नष्ट हो जाता है। लालची व्यक्ति एक मिनट भी शांत नहीं रह सकते। यही उनके आयु कम होने का कारण भी बनता है।
वहीं क्रोध भी मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। इसलिए हमें क्रोध से बचकर रहना चाहिए क्योंकि क्रोध आने पर मनुष्य को सही और गलत का ज्ञान नहीं रहता है जिससे कई बार वह स्वयं का ही अहित कर बैठता है। इसलिए कहा जाता है कि अत्याधिक गुस्सा करने वालों की आयु कम होती है।
अपने अंदर त्याग का गुण न होने पर भी व्यक्ति को जीवन में कई बार परेशानी उठानी पड़ती है। परिवार और समाज में सुख-शांति बनाएं रखने के लिए व्यक्ति में त्याग का गुण होना आवश्यक माना जाता है। विदुर नीति कहती है कि जो व्यक्ति त्याग करना नहीं जानता है उसका जीवनकाल लघु माना गया है।
अहंकार किसी भी व्यक्ति का जीवन बर्बाद कर देता है। विदुर नीति भी कहती है कि व्यक्ति को अहंकार की भावना से दूर रहना चाहिए। क्योंकि अहंकार से बुद्धि भ्रष्ट होती है। जिससे व्यक्ति सही और गलत की समझ खो देता है। यही मनुष्य के नाश का कारण भी बनता है। रावण भी अपने अहंकार के कारण ही मारा गया था।
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