ये 3 चीजें रखती है घर का ऑक्सीजन लेवल मेंटेन, आज से ही ध्यान देना शुरू कर दें

इस कोरोना काल में हर कोई अपना ऑक्सीजन लेवल मेंटेन रखने पर जोर दे रहा है। इस बीच हम आपको वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के ऑक्सीजन लेवल मेंटेन रखने का तरीका बताने जा रह हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब आपके घर में ऑक्सीजन लेवल पर्याप्त होता है तो घर के सभी लोगों की हेल्थ भी अच्छी रहती है। वहीं ऑक्सीजन लेवल के बिगड़ने पर इसका सीधा नकारात्मक असर आपकी सेहत पर पड़ता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की 3 दिशाएं आपके मकान का ऑक्सीजन लेवल मेंटेन रखने में सहायता करती है। इन दिशाओं में भरपूर हवा आती है। इस तरह आपको पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन भी मिलता है। तो चलिए फिर इन दिशाओं के बारे में थोड़ा और गहराई से जानते हैं।

1. वायव्य : उत्तर और पश्चिैम दिशा मध्य की दिशा वायव्य दिशा कहलाती है। इसलिए यदि आपका घर उत्तर व पश्चिम दिशा में हो तो आपके घर की समृद्धि कभी नहीं जाती है। ये भी माना जाता है कि इस दिशा के मकान में रहने वाले लोगों का रूझान अध्यात्म में बढ़ जाता है। हालांकि घर के अंदर का वास्तु भी अनुरूप होना चाहिए। तभी आपको इस दिशा का पूर्ण लाभ मिलता है। अपने घर के वायव्य कोण की साफ सफाई भी करते रहना चाहिए। यदि ये गंदा रहता है तो घर को नुकसान होता है। इस दिशा में वायु का प्रवाह निरंतर बना रहता है।

2. उत्तर : घर का दरवाजा यदि उत्तर दिशा में हो तो बहुत से लाभ मिलते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार आपको इस दिशा में सबसे अधिक दरवाजे और खिड़कियां निकालनी चाहिए। हो सके तो घर की बालकनी की दिशा भी उत्तर में होनी चाहिए।  उत्तर दिशा में मौजूद घर समृद्धि, प्रसिद्ध और प्रसन्नता का कारक बनता है। इस दिशा में वास्तु दोष भी नहीं होना चाहिए। यदि ये होता है तो धन की हानि होती है और करियर में भी अड़चने आती है। उत्तर दिशा में भी आपको लगातार वायु का प्रवाह देखने को मिलेगा।

3. ईशान : इस दिशा में भी वायु का प्रवाह अच्छा होता है।इस दिशा में दरवाजे बनाने से घर में शांति, उन्नति, समृद्धि और खुशियां आती है। बस एक बात का ध्यान रहे कि इन दरवाजों के बाहर भी वास्तु अच्छा होना चाहिए। कोई ऐसा काम न करे जिससे वस्तु दोष उत्पन्न हो जाए। इस दिशा की साफ सफाई का भी विशेष ध्यान रखें।





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