छोटे बच्चों के मुंह से लार गिरने का क्या है कारण? जानिये बचाव के तरीके

दांत निकलना, मुंह में छाले, लार ग्रंथियों का विकसित होना और मसालेदार खाना बच्चों के मुंह से लार गिरने की समस्या के कारण हो सकते हैं।

छोटे बच्चों के मुंह से लार गिरना एक आम बात है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक जन्म के बाद करीब 6 से 9 महीने तक शिशुओं के मुंह से लार टपकती है। 2 वर्ष की उम्र तक भी लार का गिरना सामान्य है, लेकिन अगर इससे अधिक समय तक लगातार बच्चे के मुंह से लार गिर रही है, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि, इसका कारण कोई बीमारी भी हो सकती है। छोटे बच्चों के मुंह से लार गिरने को ड्रोलिंग कहा जाता है।

क्यों गिरती है बच्चों के मुंह से लार : बच्चों के मुंह से लार गिरने के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें दांत निकलना, मुंह में छाले, लार ग्रंथियों का विकसित होना, मसालेदार खाना खाते वक्त या फिर मसूड़ों के टाइट होने पर। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बच्चे के मुंह से लार गिर रही है, तो इसका अर्थ है कि बच्चे का सही विकास हो रहा है।

दांत निकलना : यूं तो शिशु को जन्म के 8 या 9 महीने के बाद दांत निकलना शुरू होते हैं, लेकिन इसकी प्रक्रिया बच्चे के तीसरे महीने में प्रवेश करते ही शुरू हो जाती है। ऐसे में बच्चे के मुंह में ज्यादा लार निकलती है। बच्चों के क्यों निकलते हैं टेढ़े-मेढ़े दांत, जानिये.....

मुंह खुला रहने के कारण : जन्म के बाद बच्चे का शरीर और दिमाग विकसित होना शुरू हो जाता है। इस दौरान कई तरह के न्यूरोलॉजिल बदलाव भी बच्चे में हो रहे होते हैं। बच्चे बहुत-सी बातों को समझने और सीखने की कोशिश कर रहे होते हैं। ऐसे में सोते वक्त मुंह खुला होने के कारण या फिर जागने के दौरान उनके मुंह से लार निकल जाती है। क्योंकि, बच्चों में इतनी समझ नहीं होती कि वह लार को निगल जाएं।

लार गिरने से रोकने के तरीके : बच्चों में आदत विकसीत करना: जन्म के बाद से बच्चा धीरे-धीरे चीजों को समझने का प्रयास करता है। ऐसे में आप बच्चे को धीरे-धीरे यह समझाना शुरू कर सकते हैं कि लार को गिराना नहीं चाहिए। इसके अलावा आप बच्चे के कपड़ों में एक रूमाल लगा सकती हैं। जिससे लार आने पर वह खुद रूमाल से उसे साफ कर सके। हालांकि, इसकी आदत भी आपको बच्चे में डालनी होगी।

डॉक्टर की लें सलाह : 2 साल के बाद भी अगर आपका बच्चा जरूरत से ज्यादा लार गिरा रहा है, तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर दवाई या थेरेपी की सलाह देते हैं। स्पीच और ऑक्यूपेशनल थेरेपी कराने की बच्चा मुंह बंद करना खोलना और लार को निगलना सीखता है। जिससे बच्चों के मुंह से लार गिरने की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाती है।

साभार-जनसत्ता 



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