रमजान का पाक महीना कब से होने जा रहा है शुरू? जानिए


रमजान को रमादान और माह-ए-रमजान भी कहा जाता है। इस पूरे महीने अल्लाह की सच्चे मन से इबादत की जाती है। इस महीने में रोजे रखने के अलावा रात में तरावीह की नमाज पढ़ी जाती है।

रमजान का महीना चांद के दीदार के साथ शुरू होता है। साल 2021 में ये पवित्र महीना 13 या 14 अप्रैल से शुरू हो जाएगा। पहला रोजा 14 घंटे 8 मिनट का होने की संभावना है। रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक भूखे प्यासे रहकर अल्लाह की इबादत की जाती है। इन दिनों नमाज पढ़ने का विशेष महत्व माना जाता है।

कैसे घोषित होती है रमजान की तारीख : 

इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के अनुसार रमजान का पहला दिन अमावस्या के दिन तय किया जाता है। भारत में रमजान की शुरुआत कब से होगी ये जानने के लिए मुस्लिम स्थानीय लोगों के साक्ष्य पर निर्भर रहते हैं। वहीं अन्य देशों जैसे बहरीन, मिस्र, कुवैत, ओमान, कतर और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश आमतौर पर रमजान के महीने की शुरुआत चिह्नित करने के लिए सऊदी अरब की अमावस्या को फॉलो करते हैं।

इस्लामिक कैलेंडर का नवां महीना है रमजान : 

रमजान को रमादान और माह-ए-रमजान भी कहा जाता है। इस पूरे महीने अल्लाह की सच्चे मन से इबादत की जाती है। इस महीने में रोजे रखने के अलावा रात में तरावीह की नमाज पढ़ी जाती है। सुबह सहरी करके रोजा शुरू किया जाता है और शाम को इफ्तार के साथ रोजा खोला जाता है। सहरी और इफ्तार का समय निश्चित होता है।

रमजान में इन बातों का रखें ख्याल : 

रमजान का मतलब सिर्फ रोजा रखने से ही नहीं है बल्कि इस एक महीने उन चीजों से भी तौबा की जाती है जो इंसानियत के दायरे में नहीं आती हैं। इस दौरान किसी भी तरह के गलत कार्य नहीं किये जाते हैं। साथ ही गलत चीजों से तौबा की जाती है। रमजान का महीना इंसान को खुदा के समीप लाता है।

रमजान का इतिहास : 

मुस्लिम धर्म की मान्यताओं अनुसार मोहम्मद साहब को साल 610 में लेयलत उल-कद्र के अलसर पर पवित्र पुस्तक कुरान शरीफ का ज्ञान प्राप्त हुआ था। तभी से रमजान को इस्लाम धर्म में पाक महीना माना जाने लगा। इस महीने में मुस्लिम लोगों में कुरान की पवित्र पुस्तक को पढ़ना काफी शुभ माना जाता है। इस माह में मुस्लिम लोग अल्लाह की इबादत में अपना अधिक से अधिक समय बिताते हैं और अपने अंदर की बुराईयों को अपने से दूर करने की कोशिश करते हैं। साथ ही इस महीने जरूरतमंदों की मदद की जाती है।

रमजान में सहरी और इफ्तार का समय : 

14 अप्रैल 2021- सुबह 4:13 बजे – शाम 6 : 21बजे

15 अप्रैल 2021- सुबह 4:12 बजे – शाम 6 : 21बजे

16 अप्रैल 2021- सुबह 4:11बजे – शाम 6 : 22 बजे

17 अप्रैल 2021- सुबह 4:10 बजे – शाम 6 : 22बजे

18 अप्रैल 2021- सुबह 4:09 बजे – शाम 6 : 23 बजे

19 अप्रैल 2021- सुबह 4:07 बजे – शाम 6 : 23 बजे

20 अप्रैल 2021- सुबह 4:06 बजे – शाम 6 : 24 बजे

21 अप्रैल 2021- सुबह 4:05 बजे – शाम 6 : 24 बजे

22 अप्रैल 2021- सुबह 4:04 बजे – शाम 6 : 25 बजे

23 अप्रैल 2021- सुबह 4:03 बजे – शाम 6 : 25 बजे

24 अप्रैल 2021- सुबह 4:13 बजे – शाम 6 : 21बजे

25 अप्रैल 2021- सुबह 4:01 बजे – शाम 6 : 26 बजे

26 अप्रैल 2021- सुबह 4:00 बजे – शाम 6 : 27 बजे

27 अप्रैल 2021- सुबह 3: 59 बजे – शाम 6 : 28 बजे

28 अप्रैल 2021- सुबह 3: 58 बजे – शाम 6 : 28बजे

29 अप्रैल 2021- सुबह 3: 57 बजे – शाम 6 : 29 बजे

30 अप्रैल 2021- सुबह 3 : 56 बजे – शाम 6 : 29 बजे

1 मई 2021- सुबह 3 : 55बजे – शाम 6 : 30 बजे

2 मई 2021- सुबह 3 : 54 बजे – शाम 6 : 30 बजे

3 मई 2021- सुबह 3 : 53 बजे – शाम 6 : 31 बजे

4 मई 2021- सुबह 3 : 52 बजे – शाम 6 : 31बजे

5 मई 2021- सुबह 3 : 51 बजे – शाम 6 : 32 बजे

6 मई 2021- सुबह 3 : 50 बजे – शाम 6 : 32 बजे

7 मई 2021- सुबह 3 : 49 बजे – शाम 6 : 33 बजे

8 मई 2021- सुबह 3 : 48 बजे – शाम 6 : 34 बजे

9 मई 2021- सुबह 3 : 47 बजे – शाम 6 :34 बजे

10 मई 2021- सुबह 3 : 46 बजे – शाम 6 : 35 बजे

11 मई 2021- सुबह 3 : 45 बजे – शाम 6 : 35 बजे

12 मई 2021- सुबह 3 : 44 बजे – शाम 6 : 36 बजे

13 मई 2021– सुबह 3 : 44 बजे – शाम 6 : 36 बजे

साभार-जनसत्ता



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