यूपी : पंचायत चुनाव के आरक्षण सूची जारी करने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

लखनऊ। अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार ने सभी डीएम को पत्र लिखकर आरक्षण प्रकिया को अंतिम न करने का निर्देश दिया है। त्रिस्तरीय चुनाव में लागू आरक्षण प्रकिया के खिलाफ 12 मार्च को हाईकोर्ट में अधिवक्ता अजय कुमार ने जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, प्रधान पदों में आरक्षण आवंटन के  खिलाफ जनहित याचिका डाली है।

अजय कुमार की पीआईएल में आरक्षण की नियमावली को चुनौती दी गई थी। पीआईएल में फरवरी महीने में जारी किए गए शासनादेश को चुनौती दी गई है। सीटों का आरक्षण साल 2015 में हुए पिछले चुनाव के आधार पर किए जाने की मांग की गई है। पीआईएल में 1995 से आगे के चुनावों को आधार बनाए जाने को गलत बताया गया है। बता दें कि इस बार रोटेशन के आधार पर आरक्षण किया गया। मामले की सुनवाई जस्टिस ऋतुराज अवस्थी और जस्टिस मनीष माथुर की डिवीजन बेंच ने अगले आदेश तक आरक्षण सूची जारी करने पर  लगाई रोक है। 

यूपी पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट ने क्यों लगाया ब्रेक 

यूपी में पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट ने ब्रेक लगा दिया है, हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी करके सरकार से जवाब माँगा है आपको बताते चले की प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारी जोरो से चल रही थी, सरकार, प्रशासन, प्रत्याशी सब जोर शोर से लगे हुए थे, लेकिन हाईकोर्ट से आई खबर ने कई लोगो की तैयारी पर फिलहाल के लिए पानी फेर दिया है, अब सोमवार को सरकार अपना क्या जवाब दाखिल करती है यह देखने वाली बात होगी, लेकिन फिलहाल के लिए हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। 

अब आगे क्या रास्ता 

अब सरकार के जवाब के बाद ही पंचायत चुनाव का भविष्य तय होगा, हाई कोर्ट ने पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर दायर अजय कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने फिलहाल आरक्षण के प्रकाशन पर रोक लगा दी है, 2015 के आरक्षण प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ, हाईकोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया पर फटकार लगाई, हाईकोर्ट में यूपी सरकार को झटका लगा।
शासनादेश सभी डीएम को भेजा गया, 17 मार्च को आरक्षण प्रकाशन होना था, 2015 के आरक्षण प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ, हाईकोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया पर फटकार लगाई, हाईकोर्ट में यूपी सरकार को झटका लगा। 










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