’विश्व क्षय रोग दिवस’ पर हुआ जागरूकता हेतु स्वास्थ्य गोष्ठी का आयोजन



लखनऊ 24 मार्च 2021। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल की मण्डल रेल प्रबंधक डा0 मोनिका अग्निहोत्री की अध्यक्षता में आज ’वर्चुअल कांफ्रेसिंग’ के माध्यम से ’विश्व क्षय रोग दिवस’ के अवसर पर मण्डलीय रेलवे चिकित्सालय, बादशाहनगर, लखनऊ के तत्वाधान में टी.बी रोग की जागरूकता के उद्देश्य हेतु स्वास्थ्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।

       कार्यक्रम का संचालन करते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 संजय श्रीवास्तव ने मण्डल रेल प्रबन्धक डा0 मोनिका अग्निहोत्री एवं किंग जार्ज मेडिकल कालेज, लखनऊ के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष मुख्य प्रवक्ता डा0 सुर्यकान्त त्रिपाठी का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया।

       कार्यक्रम के आरम्भ में मण्डल रेल प्रबन्धक डा0 मोनिका अग्निहोत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज मण्डल चिकित्सालय द्वारा टी.बी रोग से सम्बन्धित जिज्ञासाओं एवं समस्याओं के समाधान के लिए ऐसे स्वास्थ्य जागरूता आयोजन आयोजित करने से सभी को महत्वपूर्ण जानकारियाॅ मिलती है तथा टी.बी रोग के लक्षणों का पता चलता है। जिससे टी.बी रोग से ग्रसित व्यक्ति विशेषज्ञ, डाक्टरों से सलाह व इलाज करा सकता है।

       मुख्य अतिथि डा0 त्रिपाठी ने अपने व्याख्यान में टी.बी की बढती हुयी संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुये बताया कि हमारे देश में प्रतिदिन एक हजार टी.बी मरीजों की मृत्य होती हैं। दुनिया का हर चौथा टी.बी. रोग के मरीज भारतीय है। कोई देश इससे अछूता नही है। हमारे शरीर का कोई अंग ऐसा नही है जिससे टी.बी रोग प्रभावित न करें। 80 प्रतिशत टी.बी रोग के मामले फेफडे़ संक्रमित होने से होते है। अभी कोरोना से फेफड़े उभर नही पाये थे और टी.बी. से चुनौती पहले से बनी हुई है। वायु प्रदुषण से भी सबसे ज्यादा चुनौती शरीर में फेफड़े को मिल रही है। इस वातावरण में हम आक्सीजन के कारण जीवित रहते है। पेड़ पौधे से हमें आक्सीजन मिलती है। हमें अधिक से अधिक लोगों को वृक्षारोपण हेतु प्रोत्साहित करना चाहिए। इस रोग के नियंत्रण के लिए सभी को जागरूक होना आवश्यक है। टी.बी दो प्रकार की होती है, एक सामान्य किस्म की, जिसे सामान्य टी.बी. की दवाओं से ठीक किया जा सकता है और जटिल टी.बी. रोग को विशेष दवाओं का प्रयोग किया जाता है। उन्होने इस बात पर बल दिया कि टी.बी. रोग पूरी तरह से इलाज योग्य है, बशर्ते रोगी चिकित्सक के परामर्श के अनुसार पूरा ईलाज नियमित रूप से करें। अन्यथा जटिल किस्म की टी.बी. होने की संभावना प्रबल हो जाती हैं।

       अन्त में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 संजय श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मण्डल रेल प्रबन्धक महोदया का आभार व्यक्त किया कि उन्होने हम सभी का समुचित मार्गदर्शन किया।

       इस अवसर पर समस्त रेलवे चिकित्सक, एवं शाखा अधिकारी, रेल कर्मी, उनके परिवारजन, पैरा मेडिकल स्टाफ मौजूद थे।



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