कोरोना से जान गंवाने वाले पत्रकारों के परिजनों को आर्थिक मदद देगी केंद्र सरकार


कोरोना वायरस के संक्रमण से देश में कई पत्रकारों को जान गंवानी पड़ी है, लिहाजा केंद्र सरकार ने अब इन पत्रकारों के परिजनों की आर्थिक मदद करने का फैसला किया है। दरअसल, केंद्र सरकार ने पत्र सूचना कार्यालय (Press Information Bureau, PIB) के पत्रकार कल्याण समिति (Journalist Welfare Committee, JWC) के उस प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी दे दी, जिसमें कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले पत्रकारों के परिजनों को आर्थिक मदद देने की बात कही गई थी। हालांकि यह आर्थिक मदद केवल 39 दिवंगत पत्रकारों के परिजनों के लिए ही दी गई है।

बता दें कि केंद्र सरकार 39 पत्रकारों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। सूचना-प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे की अध्यक्षता में पत्रकार कल्याण समिति की हुई एक बैठक में यह फैसला लिया गया।

समिति की बैठक के दौरान सरकार के प्रतिनिधियों की ओर से यह जानकारी दी गई कि कोरोना से जान गंवाने वाले पत्रकारों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने के लिए पत्रकार कल्याण कोष में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि का भी प्रावधान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने किया है। देश के सभी राज्यों के पत्रकार इस योजना के अंतर्गत लाभ लेने के लिए पात्र हैं।

इस मीटिंग में अतिरिक्त सचिव नीरजा शेखर, संयुक्त सचिव विक्रम सहाय और प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) के प्रधान महानिदेशक केएस धतवालिया मौजूद थे। मीटिंग में जेडब्ल्यूसी के सदस्य संतोष ठाकुर, अमित कुमार, उमेश्वर कुमार और गणेश बिष्ट ने पत्रकारों का प्रतिनिधित्व किया। संतोष ठाकुर ने इस प्रयास के लिए प्रधानमंत्री मोदी और सूचना-प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को धन्यवाद दिया।

संतोष ठाकुर ने कहा कि JWC ने पत्रकारों के लिए अन्य कल्याणकारी उपायों पर भी चर्चा की, जिसमें स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा योजना शामिल हैं। मीटिंग में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना में पत्रकारों को शामिल करने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई।

ठाकुर ने कहा कि जिन पत्रकारों को कोई गंभीर बीमारी थी या वे नौकरी के दौरान दिव्यांग हुए, JWC के जरिए सरकार से वित्तीय मदद के लिए आवेदन कर सकते हैं। ड्यूटी के दौरान मारे गए पत्रकारों के परिवार के सदस्य भी वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं। पीआईबी ने अपनी वेबसाइट पर एक लिंक दिया है, जहां पत्रकार या उसके परिवार के सदस्य मदद के लिए सरकार से मांग कर सकते हैं।



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