मेरठ। घर में कम्प्यूटर और कलर प्रिंटर लगाकर नकली नोट तैयार किए जा रहे थे। पांच सौ और दो सौ के ये नकली नोट तैयार कर बड़ी संख्या में दुकानों और अन्य व्यवसायिक स्थानों पर चला दिए गए, लेकिन इसकी जानकारी न तो स्थानीय पुलिस को हुई और न खुफिया एजेंसियों को। एक दुकानदार की सतर्कता के चलते नकली नोटों के सौदागर पुलिस के हत्थे चढ़ गए और जब पूरे मामले का खुलासा हुआ तो पुलिस के भी होश उड़ गए। पुलिस के अधिकारियों को भी उम्मीद नहीं थी कि मेरठ की पॉश कालोनी के एक मकान में नकली नोट बनाने का काम चल रहा है। इस मामले में पुलिस ने नकली नोट का बड़ी खेप के साथ 12 लोगों को हिरासत में लिया है।
ऐसे हुआ खुलासा
दरअसल, राशन खरीदने के लिए महिला पास की एक दुकान पर नकली नोट लेकर पहुंची। शक होने पर दुकानदार ने पुलिस को गुपचुप तरीके से बुला लिया। इसके बाद पुलिस ने महिला, उसकी बेटी, तीन अन्य युवती व सात युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। बी-ब्लाक निवासी एक दुकानदार ने पुलिस को एक महिला ग्राहक के पास 500 व 200 रुपये के नकली नोट होने की सूचना दी। वहां पहुंची पुलिस को दुकानदार ने बताया कि जो नोट महिला ने उसे दिया है, उसी सीरियल नंबर का नोट तीन दिन पहले उसकी बेटी भी दुकान पर लेकर पहुंची थी। पूछताछ के बाद घर से से कंप्यूटर, प्रिंटर, कागज और 500 व 200 रुपये के एक लाख दस हजार के नकली नोट बरामद किए। नकली नोट छापने का यह काम महानगर की पॉश कालोनी गंगानगर में चल रहा था।
एसपी देहात ने भी महिला व उसकी बेटी से पूछताछ की। उसके आधार पर पुलिस उसकी साथी तीन युवतियों व सात युवकों को हिरासत में लेकर थाने ले आई। बताया जा रहा है कि रैकेट के सरगना एक महिला और एक पुरुष हैं। पुलिस ने पिलखुवा में भी दबिश दी, लेकिन युवक हत्थे नहीं चढ़ा। पुलिस का कहना है कि जल्द ही पूरे मामले का राजफाश किया जाएगा। सभी से पूछताछ की जा रही है। नकली नोटों की खेप मिलने से खुफिया एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं। पुलिस के मुताबिक पकड़े गए लोग काफी संख्या में नकली नोट बाजार में चला चुके हैं।
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