10 साल की बेटी ने मां को दिलवाया आजीवन कारावास, मामा को भी सजा

सीकर। राजस्थान के सीकर जिले में 10 साल की मासूम बेटी ने अपनी मां को आजीवन और मामा को दस साल के कठोर कारावास तक पहुंचा दिया। जिला एवं सेशन न्यायालय ने दोनों पर एक -एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। मासूम ने खिड़की से अपनी मां व मामा को अपने पिता की हत्या करते हुए देख लिया था। जिसका आंखो देखा हाल उसने कोर्ट के सामने भी बयां कर दिया। जिसके आधार पर जिला एवं सेशन न्यायाधीश ज्ञान प्रकाश गुप्ता ने गुरुवार को अपने पति के जुर्म में पत्नी व उसके भाई को कारावास व अर्थ दंड की सजा सुनाई है।

यह है मामला 18 जून 2017 को पिपराली के देवनाडा में कन्हैया लाल की हत्या कर दी गई थी। मामलेे में मृतक के पिता तेजा राम ने हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया था। जिसकी जांच में मृतक कन्हैयालाल की 10 वर्षीय बेटी हर्षिता की अहम भूमिका सामने आई। उस समय पांचवी कक्षा में पढ़ रही हर्षिता ने कमरे की खिड़की से मां रेणू और मामा कुलदीप को पिता से मारपीट कर हत्या करते हुए देख लिया था। उसने पुलिस व कोर्ट में दोनों के खिलाफ बयान भी दिए। जिसकी बिना पर जिला एवं सेशन न्यायधीश ज्ञान प्रकाश गुप्ता ने पति की हत्या के जुर्म में रेणु को आजीवन कारावास व एक लाख रुपए की सजा सुनाई। वहीं, रेणु का साथ देने वाले उसके भाई कुलदीप को दस साल के कठोर कारावास व एक लाख रुपए का अर्थ दंड सुनाया।

हर्षिता से मंगवाई थी रस्सी, दांतले से की हत्या जांच में सामने आया कि पत्नी रेणु और उसके भाई कुल्दीप ने कन्हैयालाल की हत्या उसे बांधकर दांतले से वार कर की थी। बांधने के लिए दोनों ने रस्सी भी मासूम हर्षिता से मंगवाई थी। जिसने अनजाने में वह रस्सी ला दी। बाद में उसने कमरे की खिड़की से देखा तो मां व मामा पिता को बांधकर पीटते और दांतले से वार करते दिखे। जिसके बाद कन्हैयालाल की मौत हो गई थी। इसी पूरी घटना का जिक्र हर्षिता ने अपने बयान में किया। जिसके सहित 20 साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने रेणु व कुलदीप को सजा सुनाई।





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