आतंकी, माफियाओं पर लगाम कसने के लिये योगी सरकार ला रही एक और सख्त कानून, पढ़ें ये रिपोर्ट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गुंडे, माफियाओं, अपराधियों और आतंकी संगठनों को प्रदेश से उखाड़ फेंकने के लिए एक और कानून बनाने जा रही है. उत्तर प्रदेश में बनने वाले किराएदारी कानून और किराया प्राधिकरण के जरिए किराए का मकान लेकर अपराधिक व आतंकी वारदात को अंजाम देने वालों पर भी शिकंजा कसेगी. कैसे उत्तर प्रदेश सरकार में आ रहा नया कानून अपराधियों और आतंकियों के लिए बनेगा मुसीबत, पढ़ें ये खास रिपोर्ट.

किराये के मकान में रहते हुये दिया आतंकी घटना को अंजाम

2006 का अयोध्या हमला हो, वाराणसी का संकट मोचन ब्लास्ट या फिर कचहरी सीरियल ब्लास्ट, यह वह वारदातें हैं जिनको आईएसआई और सिमी से पनपे आतंकी संगठनों ने उत्तर प्रदेश को हिला कर रख दिया. जांच की गई तो पता चला घटनाओं को अंजाम देने वाले आतंकियों ने इन शहरों में किराए के मकान को अपना अड्डा बना रखा था. सितंबर 2014 में बिजनौर के जाटान मोहल्ले में हुआ धमाका और फिर सिमी के आतंकियों की तेलंगाना में मुठभेड़ ने भी इस बात को पुख्ता किया.

19 दिसंबर को राजधानी लखनऊ समेत तमाम शहरों में हुए सीएए, एनआरसी के हिंसक प्रदर्शन के पीछे पीएफआई का कनेक्शन उजागर हुआ. गिरफ्तारियां हुई तो सामने आया कि पीएफआई के तमाम पदाधिकारी किराए के मकान से संगठन चला रहे थे.

यानी आतंकी संगठन किराए के मकान में छिपकर ना सिर्फ आतंकी वारदातों की साजिश रच रहे हैं बल्कि उन को अंजाम देने के लिए साजो सामान भी इकट्ठा करते हैं.

आसान नहीं होगा आतंकी गतिविधि को अंजाम देना

वैसे ही तमाम अपराधिक घटनाएं शूटरों के जरिए हुई सुपारी किलिंग, अपहरण, रंगदारी वसूली, की घटनाएं भी किराए के मकान में छिपकर रह रहे अपराधियों ने अंजाम दी लेकिन उत्तर प्रदेश में अब किराए का मकान लेकर कोई भी गैर कानूनी गतिविधि को अंजाम देना आसान नहीं होगा. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के द्वारा लाया जा रहा किराएदारी कानून और बनने जा रहे किराए प्राधिकरण से अब ऐसी घटनाओं पर नकेल कसेगी. मकान मालिक और किराएदार के बीच विवाद तो जगजाहिर है लेकिन सरकार के द्वारा लाए जा रहे इस नए कानून से अपराध और आतंक का भी सफाया होगा.

बिना एग्रीमेंट के नहीं रखा जा सकेगा किरायेदार

आवास विभाग के द्वारा बनाए गए इस नए कानून उत्तर प्रदेश नगरीय परिसर किराएदारी विनियम अध्यादेश 2020 के तहत अब बिना एग्रीमेंट कोई मकान मालिक किराएदार नहीं रख पाएगा. मकान मालिक को अपने किराएदार की जानकारी प्राधिकरण को तीन महीने में देना जरूरी होगी. मकान मालिक, किराएदार से किए गए एग्रीमेंट की कॉपी प्राधिकरण को जमा करेगा.




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