सिर्फ शक में कर दी बेरहमी से पत्नी की हत्या, पति ने खुद को भी किया घायल


खंडवा में सोते हुए पत्नी की चाकू से आंखें फोड़ी, गला रेतकर चेहरे पर किये सात-आठ वार, फिर खुद को भी घायल कर लिया।


खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के पंधाना थाना क्षेत्र के ग्राम टाकली में एक युवक ने चरित्र शंका के चलते अपनी पत्नी को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया और खुद को भी घायल कर लिया। फिलहाल, आरोपी जिला अस्पताल में भर्ती है। पुलिस के मुताबिक, दोनों के बीच पिछले दो सालों से इन्हीं बातों के चलते आए दिन झगड़ा हो रहा था।


पत्नी को मारकर खुद को भी किया घायल


बता दें कि, बुधवार की रात 36 वर्षीय जमीला पति रियाज अपनी 14 साल की बेटी के साथ सो रही थी। इसी दौरान गुस्साए पति रियाज ने चाकू से पत्नी पर हमला कर दिया।आरोपी द्वारा पुलिस को दिये बयान के मुताबिक, उसने सबसे पहले अपनी पत्नी की आंखों पर छुरी से हमला किया। फिर उसका गला काट दिया। इसके बाद उसके चेहरे पर सात-आठ वार भी किये, ताकि पत्नी बच न सके। इसके बाद आरोपी ने खुद को भी चाकू मारकर घायल कर लिया।


पोस्टमार्टम के बाद परिजन को सौंपा शव


शोर की आवाज सुनकर नजदीक सो रही बेटी भी जाग गई, जिसने अपने माता-पिता को खून में लतपत देख चीखना शुरु कर दिया। आवाज सुनकर परिजन भी जाग गए और बीच बचाव के लिए कमरे में आ गए। लहूलुहान हालत में जमीन पर पड़ी महिला को अस्पताल ले जाने की कोशिश की, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। घटना के बाद परिजन ने पुलिस को सूचना दी। रात 1 बजे घायल आरोपी रियाज शाह को पुलिस ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया। गुरुवार की सुबह मृतका का पोस्टमार्टम कर शव परिजन को सौंप दिया।


'वो हंसकर करती थी दूसरों से बाते इसलिए खत्म किया किस्सा'


पेशे से किसान पत्नी के हत्यारे रियाज को घायल अवस्था में पुलिस ने जिला अस्पताल में भर्ती कर दिया है। जहां पुलिस को दिये बयान में आरोपी ने बताया कि, 'जमीला करीबी रिश्तेदारों और परिजन से हंसकर बातें किया करती थी। ये मुझे पसंद नहीं था। लोग भी कहते थे कि तेरी पत्नी गलत है, लेकिन मैंने कभी उसे कभी संदिग्ध स्थितियों में नहीं पकड़ा। लेकिन, मेरे मन में गलत विचार चल रहे थे। 2007 में शादी हुई। जमीला से मैं मोहब्बत करता था। मेरी एक 14 साल की बेटी भी है। आए दिन के विवादों से तंग आकर पत्नी की हत्या करने का इरादा काफी पहले कर चुका था। उसे आज नहीं, तो कल मारता ही। पछतावा तो है, लेकिन अब जब सबकुछ बर्बाद हो ही चुका है, तो पछताकर क्या फायदा।'


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