गोरखपुर 06 नवम्बर, 2020: पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबन्धक श्री विनय कुमार त्रिपाठी द्वारा पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न विभागों एवं मंडलों की कार्य प्रणाली एवं उपलब्धियों की समीक्षा के क्रम में 06 नवम्बर, 2020 को महाप्रबन्धक सभागार, गोरखपुर में आयोजित बैठक में सिगनल एवं दूरसंचार तथा सुरक्षा विभाग के कार्य कलापों पर विस्तार से चर्चा हुई।
समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए महाप्रबन्धक श्री विनय कुमार त्रिपाठी ने कहा कि पूर्वोत्तर रेलवे में चल रहे कार्यों के दौरान केबिल कटने की घटनाओं को रोकने के लिये जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें तथा केबिल की लोकेशन जानने के लिए केबिल रूट लोकेटर का प्रयोग भी किया जा सकता है। सिगनल एवं दूरसंचार विभाग द्वारा सिगनलिंग सिस्टम को अपग्रेड करने का कार्य तय समय सीमा में पूरी गुणवत्ता के साथ पूर्ण करें।
महाप्रबन्धक श्री त्रिपाठी ने कहा कि ई-डास (ड्राइंग एप्रूवल सिस्टम) पर काम करने को बढ़ावा दिया जाय तथा ई-आफिस के सुचारू रूप से काम करने के लिये नेट की स्पीड भी बढ़ाई जाय। उन्होंने ई-आफिस पर काम करने वाले कर्मचारियों को समुचित प्रशिक्षण दिये जाने का निर्देश भी दिया। इस दौरान महाप्रबन्धक ने गोरखपुर सिगनल वर्कशाप के कार्य कलापों की जानकारी प्राप्त की। विदित हो कि इस वर्कशाप में बनी प्वाइन्ट मशीनों की आपूर्ति पूर्वोत्तर रेलवे के अतिरिक्त अन्य रेलों में भी की जाती है, यहाँ पर इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर बनाने का भी कार्य होता है।
महाप्रबन्धक ने अप्रिय घटनाओं पर नियंत्रण के प्रयास किये जाने का निर्देेश देते हुये कहा कि सुरक्षा से जुड़े सभी मामलों की जांच प्रभावी ढंग से निर्धारित समय-सीमा में किया जाय। उन्होंने एलार्म चेन पुलिंग की घटनाओं पर प्रभावी अंकुुश लगाने के निर्देेश दिये। श्री त्रिपाठी ने रेल यात्रियों एवं सम्पत्ति की सुरक्षा हर स्तर पर सुनिश्चित किये जाने के लिये समर्पित एवं समेकित प्रयास किये जाने पर जोर दिया।
प्रमुख मुख्य सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनिर श्री श्रीकान्त सिंह एवं प्रमुख मुख्य सुरक्षा आयुक्त/आपीएफ श्री अतुल कुमार श्रीवास्तव ने पावर प्वाइंट प्रजेन्टेषन के माध्यम से अपने-अपने विभागों को विस्तृत जानकारी दी तथा महाप्रबन्धक द्वारा दिये गये निर्देशो का पालन करने का आवश्वासन दिया।
इसके उपरान्त, महाप्रबन्धक श्री त्रिपाठी ने मुख्यालय स्थित परिचालन, संरक्षा, यांत्रिक, चिकित्सा, कार्मिक, सिगनल एवं इंजीनियरिंग विभाग का निरीक्षण किया तथा उन्होंने डिजास्टर मैनेजमेंट कक्ष में आवश्यक सुधार का निर्देश दिया।
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