नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने हाथरस गैंग रेप घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसका कारण बेरोजगारी को ठहराया है। उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी के कारण ऐसी घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है। काटजू ने हाथरस गैंगरेप पर सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट लिखा है। उन्होंने लिखा, "हाथरस गैंगरेप की कड़ी निंदा करता हूं और दोषियों को सख्त से सख्त सजा की मांग करता हूं। बलात्कार के मामलों में वृद्धि के पीछे देश में बढ़ती बेरोजगारी एक कारण है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से जुड़ा एक और नजरिया है, जिसपर विचार किया जाना चाहिए।
बेरोजगारी के कारण बढ़ रही घटनाएं काटजू ने पोस्ट में लिखा, "सेक्स पुरुष की सामान्य इच्छा है। कभी-कभी कहा जाता है कि खाना खाने के बाद सेक्स दूसरी आवश्यकता है। भारत जैसे परंपरावादी समाज में शादी के बाद ही कोई सेक्स कर सकता है। लेकिन, बेरोजगारी लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसके चलते बड़ी तादाद में युवा शादी नहीं कर सकते। इस वजह से सेक्स की सामान्य जरूरत वाली उम्र में पहुंचकर भी बड़े पैमाने पर युवा पुरुष सेक्स से वंचित रह जाते हैं।"
तो क्या रेप की घटनाएं बढ़ेंगी नहीं? काटजू ने आगे लिखा, "विभाजन के वक्त 1947 में अविभाजित भारत की आबादी करीब 42 करोड़ थी और आज अकेले भारत की जनसंख्या लगभग 135 करोड़ हो चुकी है। बढ़ती जनसंख्या की तुलना में रोजगार नहीं बढ़े हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि जून 2020 में 12 करोड़ भारतीय बेरोजगार हो गए हैं। तो क्या रेप की घटनाएं बढ़ेंगी नहीं।"
बलात्कार निंदनीय घटना काटजू ने कहा कि बलात्कार जैसी घटनाएं निंदनीय है। लेकिन देश में जो हालात बन रहे हैं इसका बढ़ना तय है। इसके लिए देश में ऐसी सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था तैयार होनी चाहिए जहां बेरोजगारी नहीं हो या बहुत ही कम हो।
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