बहुत से लोग अपनी सुरक्षा के लिए बंदूक या रिवॉल्वर रखना चाहते हैं, लेकिन उन्हें यह पता नहीं होता है कि आखिर बंदूक या फिर रिवॉल्वर के लिए लाइसेंस कैसे लिया जाए। आइए आपको बताते हैं कैसे लिया जाए हथियार के लिए लाइसेंस।
अगर आप भी हथियार के लाइसेंस के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले ‘फॉर्म ए’ भरना होगा, जो हथियारों के नियम, 1962 के तहत दिया गया है। इसी फॉर्म से हर प्रकार के लाइसेंस लिए जाते हैं। एप्लिकेशन को वेबसाइट से डाउनलोड करके उसे सहायक दस्तावेजों के साथ हथियारों का लाइसेंस देने के दफ्तर में जमा करना होता है, जो आपके इलाके के डीएम या डिप्टी कमिश्नर या पुलिस कमिश्नर के तहत आता हो।
लाइसेंस देने वाला व्यक्ति आपके हथियार और उसकी जरूरत के हिसाब से अलग-अलग कई दस्तावेज मांग सकता है। हालांकि, आपको अपनी पहचान, पता, उम्र और फिटनेस प्रूफ देना ही होगा। साथ ही आपको यह भी बताना होगा कि आप कौन सा हथियार खरीदना चाहते हैं। इसके अलावा आपको अपनी दो पासपोर्ट साइज की तस्वीरें भी देनी होंगी।
गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के अनुसार लाइसेंस मिलने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है। लाइसेंस की प्रक्रिया काफी जटिल होती है और यह अलग-अलग हथियार के लिए अलग-अलग होती है। हालांकि, लाइसेंस पा चुके कुछ लोगों के हिसाब से लाइसेंस महीने भर के अंदर भी मिल सकता है, जबकि कुछ को लाइसेंस मिलने में साल भर तक का भी समय लग गया।
अगर आपके आवेदन से लाइसेंस देने वाले व्यक्ति को किसी प्रकार की आपत्ति होती है तो आपके आवेदन को खारिज भी किया जा सकता है। हालांकि, अगर आप चाहते हैं तो आपकी मांग पर आपके लाइसेंस का आवेदन खारिज करने की पूरी जानकारी लिखित में दी जा सकती है। वहीं दूसरी ओर, अगर लाइसेंस देने वाले अधिकारी को लगता है कि आवेदन का कारण बताना जनहित में नहीं है तो वह कारण बताने से मना भी कर सकता है। आप चाहें तो आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 18 और आर्म्स रूल 1962 के नियम 5 के तहत आपका आवेदन खारिज करने के खिलाफ अपील भी कर सकते हैं।
यूं तो सामान्य तौर पर आपको हथियार का लाइसेंस सिर्फ आपके राज्य भर के लिए ही मिलता है, लेकिन आप चाहें तो आर्म्स रूल 1962 के रूल 53 के तहत आप इसे पूरे देश के लिए भी बढ़वा सकते हैं और पूरे देश में अपना हथियार लेकर कहीं भी आ और जा सकते हैं। हालांकि, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कहा गया है कि वे किसी के लाइसेंस को पूरे देश के लिए एक्सटेंड करने से पहले गृह मंत्रालय से बात जरूर कर लें। अधिक जानकारी के लिए आप गृह मंत्रालय की ओर से जारी इस दस्तावेज को पढ़ सकते हैं।
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