नई दिल्ली। कहते हैं व्यक्ति की पहचान उसके कद से नहीं बल्कि काबलियत से होती है। ये बात आईएएस अधिकारी आरती डोगरा पर बिल्कुल सटीक बैठती है। उनकी हाइट भले ही 3 फीट 6 इंच हो, लेकिन उनकी मेहनत और लगन के आगे बड़े-बड़े लोग भी बौने साबित होते हैं। खुले में शौच से मुक्ति के लिए उनकी ओर से चलाए गए स्वच्छता मॉडल 'बंको बिकाणओ' की आज भी तारीफ होती है। इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से उनकी सराहना की गई थी। वहीं आरती इन दिनों कोरोना महामारी से लड़ने के लिए किए जा रहे कामों की वजह से चर्चा में हैं। लोग उनकी निष्ठा और जज्बे को देख हैरान हैं। साथ ही उन्हें प्रेरणादायी मान रहे हैं।
राजस्थान कैडर की ये अफ़सर इस मुश्किल घड़ी में ही लोगों की समस्याओं को दूर करने एवं उन्हें जरूरी सामान मुहैया कराने की कोशिश कर रहीं हैं। आरती के पिता सेना में अफ़सर हैं तो उनकी मां प्रिंसिपल। आरती शुरू से पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी अव्वल रही हैं। उन्हें घुड़सवारी का भी शौक है। उनका जन्म उत्तराखंड के देहरादून में हुआ था। आरती साल 2006 बैच की आईएएस अफसर हैं। फिलहाल उन्हें राजस्थान के अजमेर की नई जिलाधिकारी के तौर पर नियुक्ति मिली हैं। इससे पहले भी वे एसडीएम अजमेर के पद पर भी पदस्थापित रह चुकी हैं। आरती को जन्म से कुछ शारीरिक दिक्क्त थी, जिसके चलते उनका कद नहीं बढ़ सका। इस वजह से उन्हें शुरुआती दौर में लोगों की काफी बातें भी सुननी पड़ीं। मगर उन्होंने अपनी कमजोरी को प्रतिभा के आगे आड़े नहीं आने दिया। उन्होंने आईएएस अधिकारी बनकर सबकी बोलती बंद कर दी।
आज पूरे समाज समेत देशभर में उनका नाम है। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। हर कोई उनकी मिसाल दे रहा है। अपने माता-पिता के भरोस पर खरी उतरती हुईं आरती ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से इकॉनमिक्स में ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की। वह छात्र संघ का चुनाव भी जीत चुकी हैं। आईएएस बनने के बाद उन्होंने कई मिशन चलाएं, जिनमें अगेंस्ट एनीमिया 'मां', डॉक्टर्स फॉर डॉक्टर्स आदि शामिल हैं। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी उनके काम की तारीफ कर चुके हैं।
साभार-पत्रिका
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