कोरोना वायरस महामारी के बीच चीन के ताइवान और जापान के पास एयरक्राफ्ट कैरियर और जंगी जहाज भेजने के बाद अमेरिकी वायुसेना और नेवी ने भी जापान से सटे गुआम एयरबेस पर शक्ति प्रदर्शन किया है, अमेरिकी वायुसेना के बमवर्षक विमान, घातक ड्रोन विमान और हेलिकॉप्टर गुआम एयरबेस पर ‘एलिफैंट वॉक’ करते नजर आए हैं. माना जा रहा है कि इस शक्ति प्रदर्शन के जरिए अमेरिका ने किसी भी दुस्साहस के लिए चीन को कड़ा संदेश दिया है.
दरअसल, जब किसी वायुसेना को यह लग जाता कि कोई शत्रु देश हमला करने वाला है तब एयरफोर्स अपने लड़ाकू विमानों को ऐसे फॉरमेशन में खड़ा करती है कि वे बेहद कम समय में हमला करने में सक्षम होते हैं. इस फॉरमेशन को एलिफैंट वॉक कहा जाता है. यूएस एयरफोर्स और नेवी ने सोमवार को गुआम स्थित अपने एंडरसन एयरफोर्स बेस पर एक दर्जन विमानों के साथ शक्ति प्रदर्शन किया.
अमेरिकी पैसिफिक कमान के अंतर्गत आने वाला गुआम हवाई ठिकाना पूर्वी चीन से 1800 मील की दूरी पर है. अमेरिका ने यहां पर आरक्यू ग्लोबल हॉक ड्रोन, पांच B-52 बमवर्षक विमान और हवाई टैंकर प्रदर्शित किए. इससे पहले चीन ने ताइवान के ठीक पास में अपना विमानवाहक पोत और जंगी जहाज भेजकर ताइवान को डराने की कोशिश की थी. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि चीन का विमानवाहक पोत लिआनिंग और 5 अन्य जंगी जहाज पहले जापान से सटे मियाको स्ट्रेट से गुजरे थे और फिर ताइवान के पास से होकर गए.
चीन कभी भी अपनी हरकत से बाज नहीं आ सकता है उसको जैसे मौका मिलता है अपने दुश्मन देश पर हमला बोलने का या डराने का मौका मिलता है चीन पीछे नहीं हटता है. चीन अपने इस कदम से ताइवान को धमकाने की कोशिश की है. चीन ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब प्रशांत महासागर में सक्रिय अमेरिकी नौसेना के दो विमानवाहक पोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन और यूएसएस रुजवेल्ट कोरोना वायरस की चपेट में हैं. चीन को कोरोना वायरस के बीच एक बार फिर से मौका मिल गया है. उसका कारण है कि इस टाइम अमेरिका भी कोरोना वायरस से बुरी तरह से जूझ रहा हैं.
साभार- द चौपाल
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