*ईरान का अमेरिका पर बड़ा हमला, इराक में सैन्य अड्डे पर फिर दागीं 4 मिसाइलें*


बगदाद। कुद्स सेना के कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। ईरान अमेरिका के इराक स्थित सेना बेस पर लगातार मिसाइल हमला कर रहा है। ईरान ने रविवार को अमेरिका पर फिर से बड़ा मिसाइल हमला किया है। उसने इराक में सैन्य अड्डे पर 4 मिसाइलें दागीं हैं। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि, हमले में कितनी जनहानि हुई है।

इससे पहले ईरान ने इराक में अमेरिकी सेना और गठबंधन बल के खिलाफ अपने कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए बुधवार को भी दर्जनों मिसाइल से हमले किए थे।। पेंटागन ने ईरानी हमले की खबर पर मुहर लगाते हुए कहा था कि इराक में हमारे दो ठिकानों पर ईरान ने मिसाइल से हमला किया है। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने बुधवार तड़के अल असद और इरबिल एयरबेस पर 35 रॉकेट दागे। इन दोनों जगहों पर अमेरिकी सेना तैनात है।

उधर, इस मिसाइल हमले के बीच यूक्रेन का एक विमान क्रैश हो गया था जिसमें 176 यात्रियों की मौत हो गई थी। शुरुआत में ईरान इस बात से इनकार करता रहा कि उसके मिसाइल से विमान हादसा हुआ है, लेकिन बाद में उसने कहा कि दुर्भाग्यवश यह हादसा उनकी मिसाइल से हुआ है। ईरान के यह स्वीकार किए जाने कि यूक्रेन का विमान उसकी मिसाइल से गिरा है।


जिसके बाद तेहरान की सड़कों पर लोग सुप्रीम लीडर अयातोल्ला अली खामेनेई के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। उनकी मांग है कि खामेनेई से उनका पद वापस लिया जाए। इस विमान हादसे में अधिकांश यात्री ईरान और कनाडा के थे।

*ईरान के सरकारी टीवी चैनल* प्रेस टीवी के मुताबिक इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर ईरान ने 4 मोर्टार बम दागे हैं. ईरानी गार्ड का कहना है कि उनके 8 जनवरी के हमले का मकसद किसी अमेरिकी सैनिक को मारना नहीं था. फिलहाल लेकिन इतना साफ है कि ईरान ने इस हमले से जता दिया है कि अमेरिका के खिलाफ उसके तेवर अभी ढीले नहीं पड़े हैं.

बता दें कि जहां अमेरिका ईरान से बातचीत के लिए तैयार है, वहीं अब ऐसी स्थितियां बनती दिख रही हैं कि दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य नहीं होने वाले हैं. ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर रॉकेट दागे हैं. अमेरिकी सेना का ऐसा रवैया रहा है कि कभी अटैक के बाद चुप नहीं बैठती. ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है.

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान को लेकर नरम पड़ते हुए दिखाई पड़ रहे थे. ईरान में अपनी ही सरकार को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी देते हुए प्रदर्शनकारियों को नहीं मारने की बात कही थी.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इशारा किया था कि ईरान से अभी भी बातचीत के दरवाजे खुले हुए हैं. अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि ट्रंप अभी भी ईरान के नेताओं के साथ बातचीत करने के इच्छुक थे. मगर इस हमले के बाद यह कहना मुश्किल है कि दोनों देशों के बीच  रिश्ते सामान्य हो पाएं.


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