*सौपा राष्ट्रपति को संबोधित तीन सूत्रीय मांगो का पत्रक*
*बलिया।* जे0एन0यू0 में की गयी भारी फीस वृद्धि के खिलाफ तथा वहा के आन्दोलनरत छात्र- छात्राओं के उपर दर्ज मुकदमें वापस लेने की मांग को लेकर वामपंथी एवं प्रगतिशील जनसंगठनों के जिसमें काफी संख्या में छात्र भी शामिल रहे, शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया तथा राष्ट्रपति को संबोधित तीन सुत्री मांग पत्र जिलाधिकारी के प्रतिनिधि नगर मजिस्ट्रेट के माध्यम से सौंपा।
पत्रक में जे0एन0यू0 में की गयी भारी फीस वृद्धि को तत्काल वापस करने, जे0एन0यू0 छात्र और छात्राओं के उपर दर्ज मुकदमें वापस लेने तथा बी0एच0यू0 में धार्मिक आधार पर विरोध कर रहे संस्कृत प्रोफेसर डा0 फिरोज खान को सुरक्षा देने तथा धार्मिक आधार पर शिक्षक का विरोध करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की गयी। इस अवसर पर वाक्ताओं ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार जान बुझकर देश की शैक्षणिक संस्थानों को तबाह करना चाहती है और सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण करना चाहती है। जे0एन0यू0 जैसे प्रतिष्ठित विश्व विद्यालय जहा मजदूर और किसानों के भी लड़के उच्च शिक्षा ग्रहण कर लेत है। मोदी सरकार का इस पर नजर लग गयी है और वह नहीं चाहती कि मजदूर और किसानों के लड़के- लड़कियाँ यहा उच्च शिक्षा ग्रहण करें। वक्ताओं ने कहा कि पूजीपतियों का हजारों करोड रूपया कर्जा माफ हो सकता है तो शिक्षण संस्थाओं को अनुदान क्यों नहीं दिया जा सकता है। वही बी0एच0यू0 जैसे शिक्षण संस्थान में संस्कृत के प्रोफेसर का इसलिए विरोध करना कि वह मुस्लिम धर्म से सम्बन्धित यह उनमादी राजनीति का हिस्सा है और यह रास्ता देश को विभाजन की ओर ले जा रहा है।
ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से अवध नारायण सिंह, लक्ष्मण यादव, बलवन्त यादव, भागवत बिन्द, अरविन्द गोंडवाना, जर्नादन सिंह, डॉ0 बी0बी0 श्रीवास्तव, अशोक कुमार पाण्डेय, रणजीत कुमार सिंह, एडवोकेट, अर्जुन बिन्द, हरिमोहन प्रसाद, विनायक मौर्य, वशिष्ठ राजभर, विनय खरवार, सुरजीत कुमार श्रीवास्तव, खैरूल बसर, राज
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