*ऋण आवेदनों को लंबित न रखें बैंक, योजनाओं का लाभ समय पर दें : जिलाधिकारी*
*किसानों और युवाओं को प्राथमिकता से ऋण देने के दिए निर्देश*
बलिया। जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति/जिला स्तरीय समीक्षा बैठक बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई तथा बैंकों को ऋण स्वीकृति एवं वितरण में तेजी लाने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को भारत सरकार की अत्यंत महत्वपूर्ण योजना बताते हुए कहा कि इसके अंतर्गत सब्सिडी युक्त सोलर रूफटॉप इंस्टॉलेशन किया जा रहा है। उन्होंने सभी बैंकों को निर्देशित किया कि योजना से संबंधित प्राप्त ऋण आवेदनों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए तथा बिना किसी उचित कारण के आवेदन लंबित न रखे जाएं।वार्षिक ऋण योजना की समीक्षा के दौरान बैंकों से अनुरोध किया गया कि कृषि, शिक्षा एवं आवास ऋण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं में अधिक से अधिक ऋणों का स्वीकृति एवं वितरण किया जाए। किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी), फसली, पशुपालन एवं मत्स्य पालन ऋण की प्रगति की भी समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर जोर देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि विपरीत मौसम एवं प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए अधिक से अधिक किसानों को बीमा कवरेज से जोड़ा जाना आवश्यक है, ताकि आपदा की स्थिति में उनकी आय सुरक्षित रह सके। उन्होंने बैंकों से इस योजना में किसानों की भागीदारी बढ़ाने का निर्देश दिया। एनआरएलएम योजना के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों को ऋण, कृषि अवसंरचना निधि, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना तथा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की भी समीक्षा की गई।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 में जनपद के कुल 10 इकाइयों के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 11 आवेदन बैंकों को भेजे गए हैं, जिनमें से एक लाभार्थी को 3.50 लाख रुपये का ऋण वितरित किया गया। मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में 4 इकाइयों के लक्ष्य के सापेक्ष 10 आवेदन भेजे गए हैं, जिनमें दो लाभार्थियों को कुल 3.50 लाख रुपये का ऋण वितरित किया गया है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना एवं मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत वर्ष 2025-26 के लिए 132 के लक्ष्य के सापेक्ष 125 आवेदन बैंकों को भेजे गए हैं। इनमें से 39 आवेदन पर 500.75 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है तथा 50 लाभार्थियों को 116.58 लाख रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है। एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना पर भी चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने बैंकों को निर्देश दिए कि किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता से निस्तारित किया जाए, लाभार्थियों के साथ अच्छा व्यवहार सुनिश्चित किया जाए तथा किसानों के लिए जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएं। उन्होंने ओलावृष्टि, अतिवृष्टि जैसी आपदाओं में क्षतिपूर्ति की राशि समय से उपलब्ध कराने पर भी विशेष जोर दिया। सीडीओ ओजस्वी राज एवं जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।


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