बलिया। जिले में एक पत्रकार पर संभावित मुकदमा दर्ज कराने की कोशिशों को लेकर स्थानीय पत्रकारों में नाराजगी का माहौल बन गया है। पत्रकार संगठनों ने इसे पत्रकारिता के दायरे में हस्तक्षेप और उत्पीड़न की कोशिश बताया है। इस मामले में भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के प्रांतीय मुख्य महासचिव मधुसूदन सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पत्रकारों के साथ हो रहे भेदभाव और उत्पीड़न के विरोध में सोमवार को पत्रकार काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराएंगे।
श्री सिंह ने बताया कि इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पुलिस महानिदेशक को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकारों के बीच भेदभाव करने का आरोप बलिया पुलिस पर लंबे समय से लगता रहा है, और इस पर उच्चाधिकारियों को कई बार अवगत भी कराया गया है।
श्री सिंह ने आरोप लगाया कि बांसडीह थाना क्षेत्र के प्रभारी निरीक्षक द्वारा बलिया के एक पत्रकार राजू गुप्ता के खिलाफ न्यायालय में वाद दायर किया गया है, जबकि उनके पास स्वयं प्राथमिकी दर्ज करने का अधिकार है। साथ ही यह भी कहा गया कि एक अन्य थाना क्षेत्र से भी इसी पत्रकार के खिलाफ न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब थानाध्यक्ष के पास मुकदमा दर्ज करने का अधिकार है, तो न्यायालय की शरण लेने की आवश्यकता क्यों पड़ी।
पत्रकार संगठनों का कहना है कि यदि किसी पत्रकार के खिलाफ कोई वैधानिक आधार है, तो प्रक्रिया के तहत निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, न कि चुनिंदा ढंग से कार्रवाई का प्रयास। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और पत्रकारों की स्वतंत्रता व गरिमा को सुरक्षित रखा जाए।
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