ईवी के लिए आवश्यक मोटर इंश्योरेंस ऐड-ऑन कवर्स


टेक्नोलॉजी में विकास के साथ, इलेक्ट्रिक वाहन या ईवी बहुत लोकप्रिय हो गए हैं. इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (आईबीईएफ) के आंकड़ों के अनुसार, जो भारतीय ईवी मार्केट, 2022 में $3.21 बिलियन था, उसके 2029 तक बढ़कर $113.99 बिलियन हो जाने का अनुमान है, यानी 66.52% की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर). जेएमके रिसर्च एंड एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 तक भारत में कुल ईवी बिक्री 6.16 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई, जिसमें वार्षिक बिक्री 2 मिलियन यूनिट से भी अधिक रही. यह वृद्धि परिवहन के सस्टेनेबल विकल्पों की दिशा में एक बड़े बदलाव का संकेत देती है, जिसमें कई लोग इंटरनल कम्बशन इंजन (आईसीई) की तुलना में ईवी को चुन रहे हैं.

बीमा प्रदाता के नजरिए से देखें तो, इस बदलाव का मतलब है ईवी इंश्योरेंस बढ़ रहा है. ईवी इंश्योरेंस इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़े खास जोखिमों के लिए बनाया गया व्यापक कवरेज प्रदान करता है. इसमें बैटरी से संबंधित समस्याओं जैसे उसके खराब होने और रिप्लेसमेंट की लागत, होम चार्जिंग स्टेशन जैसे चार्जिंग इक्विपमेंट के लिए कवरेज और रोडसाइड असिस्टेंस के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए कवरेज शामिल हैं. जैसे-जैसे भारत का ईवी मार्केट बढ़ता जा रहा है, बीमा प्रदाता ऐसी पॉलिसी बना रहे हैं जो इन कारकों को ध्यान में रखती हैं और उपभोक्ताओं तक पहुंच सुनिश्चित करते हैं.

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पांच मोटर इंश्योरेंस ऐड-ऑन कवर :-

यहां पांच आवश्यक मोटर बीमा ऐड-ऑन कवर दिए गए हैं जिन्हें ग्राहक अपने इलेक्ट्रिक वाहनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए खरीद सकते हैं:

1. ज़ीरो डेप्रिसिएशन और आरटीआई कवर

प्लास्टिक, रबर आदि जैसे कुछ पार्ट्स पर, पहले साल में 50% तक डेप्रिसिएशन होता है. क्योंकि ईवी में पेट्रोल/डीजल गाड़ियों के मुकाबले प्लास्टिक के ज़्यादा पार्ट्स होते हैं, इसलिए पहले साल में ज़्यादा नुकसान होता है. ऐसे में ज़ीरो डेप्रिसिएशन कवर लेना ज़रूरी हो जाता है.

यह ऐड-ऑन इलेक्ट्रिक कार के पार्ट्स पर डेप्रिसिएशन से राहत देता है, जिससे मालिक को अधिक क्लेम राशि प्राप्त करने में मदद मिलती है. लेकिन ध्यान रखें, ये कवर ज़्यादातर उन कारों के लिए है जो पांच साल से कम पुरानी हैं.

ज़ीरो-डेप्रिसिएशन के अलावा, आपको रिटर्न टू इनवॉइस या आरटीआई कवर का विकल्प भी चुनना चाहिए. यह ऐड-ऑन सुनिश्चित करता है कि पॉलिसीधारकों को अपने ईवी के नुकसान या चोरी के मामले में डेप्रिसिएटेड मार्केट वैल्यू के बजाय इनवॉइस राशि का रीइम्बर्समेंट किया जाए. ईवी की शुरुआती लागत ज़्यादा होती है, इसलिए आरटीआई इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू और वास्तविक खरीद कीमत के बीच अंतर को कम करके फाइनेंशियल सुरक्षा प्रदान करता है.

2. इलेक्ट्रिक कारों के लिए मोटर और बैटरी प्रोटेक्शन कवर

मोटर और बैटरी ईवी के सबसे महंगे और महत्वपूर्ण पार्ट्स हैं. इनकी मरम्मत या बदलने की लागत भी काफी ज़्यादा होती है. इसलिए, उन्हें कवर करना बेहद ज़रूरी है.  ज़ीरो डेप्रिसिएशन कवर की तरह इस ऐड-ऑन में भी ज़्यादातर पांच साल तक पुरानी कारों को ही कवर किया जा सकता है.

मोटर प्रोटेक्टर कवर एक अतिरिक्त सुरक्षा कवच की तरह काम करते हुए आवश्यक मरम्मत की लागत को कवर करता है और आपको एक बड़े फाइनेंशियल बोझ से बचाता है. अप्रत्याशित घटना के मामले में, आप पर फाइनेंशियल दबाव बनाए बिना बीमा प्रदाता इसकी रिपेयर की जिम्मेदारी उठाता है.

इलेक्ट्रिकल फेलियर से लेकर वायरिंग डैमेज या मोटर बर्नआउट तक, ईवी बैटरी ऐड-ऑन आपको भारी लागत से बचाता है. यह गाड़ी में पानी भरने से हुए नुकसान को भी कवर करता है. ईवी इलेक्ट्रिक मोटर और जटिल इलेक्ट्रिकल सिस्टम पर निर्भर होते हैं, सो गंदा पानी अंदर जाने पर इंजन पूरी तरह से खराब हो सकता है. इंजन को फिक्स या रिप्लेस करने के लिए क्लेम की राशि काफी अधिक होती है. एंट्री-लेवल कारों के लिए ₹4 लाख तक और कार के मेक और मॉडल के आधार पर हाई-एंड कारों के लिए ₹20 से लाख अधिक का खर्चा हो सकता है. ऐसे में, इस कवर का होना बहुत ज़रूरी है.

3. ईवी चार्जर कवर

जैसा कि नाम से पता चलता है, यह ऐड-ऑन वॉल-माउंट और पोर्टेबल ईवी चार्जर के लिए सुरक्षा प्रदान करता है. इसका इस्तेमाल ईवी चार्जर के नुकसान, चोरी या खराबी के मामले में किया जा सकता है. यह काफी फायदेमंद है क्योंकि यह अप्रत्याशित खर्चों को कम करता है और सुविधा को बढ़ाता है, खासकर उन शहरों में जहां सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन हमेशा सुलभ या विश्वसनीय नहीं होते हैं.

4. टायर व रिम प्रोटेक्शन कवर

ईवी, आम तौर पर आईसीई कारों से ज़्यादा भारी होते हैं और यही वजह है कि इन कारों के टायर घिसावट के कारण जल्दी खराब हो जाते हैं. टायर और रिम प्रोटेक्शन कवर होने से टायर और रिम को दुर्घटना से होने वाले नुकसान या क्षति से सुरक्षा मिलती है. कॉम्प्रिहेंसिव कार इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के बाद यह ऐड-ऑन कवर खरीदा जा सकता है. कुछ बीमा प्रदाता लेबर चार्ज के साथ-साथ इस ऐड-ऑन के तहत मरम्मत और रिप्लेसमेंट भी प्रदान करते हैं.

5. रोडसाइट असिस्टेंट कवर

अगर आपकी कार सड़क के बीच में खराब हो जाती है, ऐसे में आपको ऑन-स्पॉट सहायता देने के लिए इसे तैयार किया गया है. गाड़ी खराब होने की स्थिति में परेशानी से बचने के लिए इसका होना ज़रूरी है.

कुछ बीमा प्रदाता ईवी से संबंधित सभी प्रश्नों के उत्तर देने के लिए 24*7 एक्सपर्ट सपोर्ट भी प्रदान करते हैं. आप यहां  बीमित वाहन, बैटरी, चार्जिंग स्टेशन आदि से संबंधित अपने प्रश्न या समस्याओं का जवाब पा सकते हैं. 

इसके अलावा, कार खराब होने की स्थिति में आप अपनी परेशानी के बारे में बीमा प्रदाता को कॉल करके बता सकते हैं. बीमा प्रदाता वाहन की जांच के लिए एक मैकेनिक भेजेगा और आपकी मदद करेगा. अगर ईवी की बैटरी कहीं बीच रास्ते में खत्म हो जाए, तो मेट्रो शहरों में कुछ बीमा प्रदाता एक पोर्टेबल मोबाइल चार्जर भी प्रदान करते हैं.

निष्कर्ष : कुल मिलाकर, भले ही ऐड-ऑन कवर से इलेक्ट्रिक गाड़ियों का इंश्योरेंस महंगा हो जाए, लेकिन इनके फायदे कहीं अधिक हैं, खासकर इमरजेंसी की स्थिति में. विशेष ईवी पार्ट्स की सुरक्षा से लेकर अप्रत्याशित खराबी के दौरान सहायता प्रदान करने तक, इन कवर को बढ़ी हुई वित्तीय सुरक्षा और मानसिक शांति के लिए खरीदा जाना चाहिए. जैसे-जैसे ज़्यादा लोग ईवी खरीदेंगे, उम्मीद है कि ईवी इंश्योरेंस सस्ता होता चला जाएगा क्योंकि तब अधिक डेटा उपलब्ध होगा.

श्री सुभाशीष मजुमदार✍️

हेड-मोटर डिस्ट्रीब्यूशन 

बजाज आलियांज़ जनरल इंश्योरेंस।




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