बलिया। अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय द होराइजन में भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हिंदी साहित्यकार एवं प्रख्यात कवि डॉक्टर केदारनाथ सिंह की जयंती साहित्योत्सव के रूप में मनाया गया। जनपद के गड़वार, त्रिकालपुर में स्थित द होराइजन विद्यालय के नियमित सुबह के प्रार्थना सभा के बाद छात्रों को दिए जाने वाले निर्देश, सूचना, आवश्यक जानकारी, प्रेरक प्रसंग आदि आज भी पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त डॉक्टर केदारनाथ सिंह पर ही केंद्रित रहा।
इस आकर्षक साहित्यिक कार्यक्रम में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त केदार जी की तीन कविताओं तथा उनके जीवन वृत्त पर आधारित लघु नाटिका का सफल मंचन किया गया। जिसे उपस्थित जन ने काफी सराहना की। अंग्रेजी माध्यम के किसी विद्यालय में इस तरह का आयोजन पहली बार देखने को मिला।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉक्टर केदारनाथ सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि और अर्पण से हुआ। जिसमें सभी उपस्थित जनों ने पुष्पांजलि अर्पित किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य एस. सिंह ने बताया कि उनका हमारे विद्यालय से गहरा लगाव था। श्री सिंह ने उनके बारे में संक्षिप्त रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि वह हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण कवि के रूप में जाने जाते थे। जिन्होंने अपनी कविताओं में प्रमुख रूप में जीवन की वास्तविकताओं, सामाजिक समस्याओं और मानवीय संवेदनाओं का सुंदर चित्रण किया है उन्होंने कई कविताओं का पाठ भी किया।
मुख्य अतिथि के रूप में युवा समीक्षक कवि एवं लेखक राम जी तिवारी ने कहा कि केदार जी ने सही कहा है कि ये विद्यालय बलिया का छोटा सा शांति निकेतन है। विशिष्ट अतिथि के रूप में संकल्प संस्था के निदेशक एवं प्रमुख रंगकर्मी आशीष त्रिपाठी ने केदार जी के बड़प्पन का जिक्र करते हुए कहा कि वह कभी भी किसी को छोटा महसूस नहीं होने देते थे। चर्चित युवा कवि श्वेतांक सिंह ने बाबा केदार जी के साथ अपनी स्मृतियों को साझा किया।
इसी क्रम में विद्यालय के "अभिज्ञान हाल" में स्मृतियों में डॉक्टर केदारनाथ सिंह विषय पर एक साहित्यिक विचार गोष्ठी भी आयोजित किया गया। जिसमें विद्यार्थियों ने कुछ अपनी जिज्ञासाओं को भी रखा। जिसे अतिथियों ने सरल ढंग से उन्हें समझाया। कार्यक्रम में उपस्थित तीनों अतिथियों को प्रधानाचार्य ने अंगवस्त्रम् एवं पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम तथा लघु नाटिका का निर्देशन विद्यालय की वरिष्ठ अध्यापिका सुश्री मेनका सिंह ने तथा संचालन भक्ति एवं मानसी श्रीवास्तव ने किया।
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