चाणक्य नीति : जिस व्यक्ति में होता है हंस का ये गुण, वह चुटकियों में हल कर लेता है हर समस्या


चाणक्य ने एक श्लोक में हंस का उदाहरण देते हुए सफलता पाने का अचूक तरीका बताया है. चाणक्य की नीतियों का सही तरीके से पालन किया जाए तो व्यक्ति हारी हुई बाजी को भी जीत सकता है.

आचार्य चाणक्य ने सफल जीवन के लिए उस हर छोटी से छोटी चीजों पर गौर किया है जो कामयाबी के जरुरी मानी जाती है. चाणक्य की नीतियों का सही तरीके से पालन किया जाए तो व्यक्ति हारी हुई बाजी को भी जीत सकता है.

चाणक्य ने एक श्लोक में हंस का उदाहरण देते हुए सफलता पाने का अचूक तरीका बताया है. वह कहते हैं कि जिसने हंस का ये एक गुण अपना लिया उसे किसी भी तरह का कष्ट नहीं झेलना पड़ेगा. वह हर समस्या का समाधान चुटकियों में कर सकता है. आइए जानते हैं चाणक्य ने सफलता पाने के लिए हंस के किस गुण का जिक्र किया है.

अनन्तशास्त्रं बहुलाश्च विद्या अल्पं च कालो बहुविघ्नता च।

आसारभूतं तदुपासनीयं हंसो यथा क्षीरमिवाम्बुमध्यात् ।।

हंस से सीखें ये गुण : चाणक्य ने इस श्लोक में बताया है कि इस संसार में कई तरह के शास्त्र, विद्याएं मौजूद हैं. मनुष्य जीवन बहुत छोटा है और जिसमें कई तरह की बाधाएं और परेशानियां आती है.

ऐसे में मनुष्य को सफल बनना है तो मनुष्य को हंस के खास गुण को अपनाना होगा. जिस तरह हंस पानी में मिले दूध में से दूध ग्रहण कर लेता है और पानी छोड़ देता है. उसी प्रकार मनुष्य को आवश्यक ज्ञान पर गौर कर उसे ग्रहण करना चाहिए और अन्य चीजों को दरकिनार कर देना चाहिए.

सफलता के लिए करें ये काम : चाणक्य कहते हैं कि पूरी सृष्टि ज्ञान से परिपूर्ण है जिसमें कुछ काम की तो कुछ बेकार की चीजों का मिश्रण मौजूद है. व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्य को पूरा करने के साथ इस समूचे ज्ञान को प्राप्त नहीं कर सकता.

चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति कम लेकिन किसी विषय की संपूर्ण जानकारी रखता है वह हर संकट को हंसते-हंसते झेल जाता है और उससे पार भी पा लेता है. कामयाब होने के लिए मनुष्य को संसार रूपी पानी से केवल दूध रूपी ज्ञान ही ग्रहण करना चाहिए.

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.



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