बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के हजारी प्रसाद द्विवेदी अकादमिक भवन में कुलपति प्रोफेसर कल्पलता पाण्डेय के संरक्षण में स्वामी विवेकानंद जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनायी गयी। स्वामी विवेकानंद, माता सरस्वती, जननायक चंद्रशेखर जी के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पार्चन द्वारा कार्यक्रम शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं निदेशक शैक्षणिक डॉ० पुष्पा मिश्रा ने सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामनाएं देते हुए स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने विवेकानंद जी के शिकागो व्यक्तव्य का जिक्र करते हुए बताया कि भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठता को पूरे विश्व में स्थापित किया। स्वामी जी ने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस की आध्यात्मिक अनुभूतियों को आत्मसात करके अद्वैत वेदांत के दर्शन का पूरे विश्व में प्रचार- प्रसार किया।
इस अवसर पर डॉ० प्रियंका सिंह ने स्वामी विवेकानंद जी के विचारों को याद करते हुए उनके पद चिह्नों पर चलने की बात कही।
डॉ० प्रमोद शंकर पाण्डेय ने भारतीय संस्कृति की सनातनता की बात करते हुए कहा कि विवेकानंद जी ने उसे आधुनिक संदर्भों के अनुरूप व्यख्यायित किया। स्वामी जी ने कहा कि एक भूखे आदमी को भोजन कराना मंदिर में पूजा करने से बड़ा कार्य होता है। विश्व की तमाम संस्कृतियां भारत की ऋणी हैं। सनातन संस्कृति सबसे पुरानी और सभी संस्कृतियों की जननी है।युवाओं का आह्वान करते हुए आपने कहा कि स्वामी जी के 'उठो जागो और लक्ष्य से पहले रुको मत' के विचार पर चलकर ही सफलता अर्जित की जा सकती है। डाॅ० रामशरण ने स्वामी विवेकानंद के शिक्षा-दर्शन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि व्यक्ति के अंतर्निहित गुणों का पूर्ण विकास करना ही शिक्षा है।
धन्यवाद ज्ञापन डाॅ० विनीत सिंह और संचालन डॉ० अजय चौबे ने किया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय परिसर के प्राध्यापक गण डाॅ० विजयशंकर पाण्डेय, डाॅ० संदीप यादव, डाॅ० अभिषेक मिश्र, डाॅ० प्रेमभूषण आदि एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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