कब है उत्पन्ना एकादशी ? जानें मुहूर्त, क्यों खास है इस एकादशी का व्रत


मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकदाशी कहा जाता है. एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है. इस साल कब है उत्पन्ना एकादशी, जानें मुहूर्त और महत्व.

कार्तिक माह 8 नवंबर को खत्म हो जाएगा और मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो जाएगी. मार्गशीर्ष यानी अगहन मास में आने वाली एकादशी का विशेष महत्व है. मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकदाशी कहा जाता है. मान्यता है कि जो भक्ति भाव और सच्ची श्रद्धा के साथ उत्पन्ना एकादशी का व्रत करता है उसे अश्वमेघ यज्ञ करने के समान फल प्राप्त होता है. इस माह में श्रीकृष्ण की उपासना का विधान है. वहीं एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है. इस साल कब है उत्पन्ना एकादशी, जानें मुहूर्त और महत्व.

उत्पन्ना एकादशी 2022 डेट : उत्पन्ना एकादशी का व्रत इस साल 20 नवंबर 2022, रविवार को रखा जाएगा. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अति प्रिय है. इस दिन उनका पूजन-मंत्रों का जाप करने वालों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि एकादशी व्रत के परिणाम स्वरूप व्यक्ति को मृत्यु के बाद यमराज की यातनाएं नहीं सेहनी पड़ती. साथ ही कई जन्मों के मृतक परिजन भी तर जाते हैं.

उत्पन्ना एकादशी 2022 मुहूर्त : हिंदू पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि की शुरुआत 19 नवंबर 2022 को सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर होगी और उत्पन्ना एकादशी तिथि का समापन 20 नवंबर 2022 को सुबह 10 बजकर 41 मिनट पर होगा. एकादशी व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी तिथि में सूर्योदय के बाद किया जाता है.

उत्पन्ना एकादशी व्रत पारण समय - सुबह 06:48 - सुबह 08:56

उत्पन्ना एकादशी व्रत महत्व : देवी एकादशी श्रीहरि का ही शक्ति रूप है.पद्म पुराण के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने उत्पन्न होकर असुर मुर का संहार किया था इसलिए इसका नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा.मान्यता है कि उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखने से मनुष्यों के पिछले जन्म के पाप भी नष्ट हो जाते हैं. उत्पन्ना एकादशी व्रत के प्रभाव से जातक को संतान सुख, आरोग्य और जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिलती है.

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.



 

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