बलिया : विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस मनाया गया


बलिया: माननीय उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेव प्राधिकरण, बलिया श्री जितेन्द्र कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बलिया के न्यायाधीश/सचिव सर्वेश कुमार मिश्र की अध्यक्षता में आज दिनांक 01.10.2022 को वृद्धाश्रम गड़वार, बलिया में अन्तर्राष्ट्रिय वरिष्ठ नागरिक दिवस के अवसर पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों के लिए चलायी जा रही सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान करना तथा उनके प्रति जन साधारण को संवेदनशील बनाना है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बलिया के न्यायाधीश/सचिव सर्वेश कुमार मिश्र द्वारा अपने उद्बोधन में वरिष्ठ नागरिकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए यह कहा गया कि जो हमारी प्राचीन सभ्यता थी उसका पतन होता जा रहा है। आज समाज में वरिष्ठ नागरिकों की उपेक्षा की जा रही है, जो बहुत ही निन्दनीय है हमें वरिष्ठजनों का सम्मान करना चाहिए, उनसे उनके अनुभवों को आत्मसात कर लाभान्वित होना चाहिए। सचिव द्वारा वृद्धाश्रम में रह रहे वरिष्ठ नागरिकों को उनके अधिकारों के बारे में बताया तथा लोगों को उनके प्रति क्या कर्तव्य है, उसके बारे में लोगो को संवेदनशील व जागरूक किया। आज के परिपेक्ष्य में वरिष्ठ नागरिकों को आज का युवा वर्ग समाज पर बोझ समझ रहा है। आज के समय में वरिष्ठ नागरिक अपने आप में एक सामाजिक वर्ग है। संयुक्त परिवार व्यवस्था टूटने के कारण वृद्धों की सामाजिक स्थिति पर काफी नकरात्मक प्रभाव पड़ा है। शहरीकरण के कारण परिवार का कमाऊ सदस्य जाकर शहर में बस जाता है तथा वृद्धों को गांव में छोड़ देता है, जिससे उनको शारीरिक, मानसिक व सामाजिक रूप से उपेक्षित होना पड़ता है। वरिष्ठ नागरिकों की विशेष चिन्ताओं व जरूरतों को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1991 में वरिष्ठ नागरिकों की स्वतंत्रता, भागीदारी, भरण-पोषण आदि के संबंध में कतिपय सिद्धांतों को अंगीकार किया तथा तब से प्रत्येक वर्ष 01 अक्टूबर को अन्तर्राष्ट्रिय वरिष्ठ नागरिक दिवस के रूप में मनाये जाने का संकल्प लिया गया। भारतीय संविधान में प्रत्येक व्यक्ति व नागरिकों के लिए मौलिक अधिकारों की व्यवस्था की गयी है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रत्येक व्यक्ति को गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार है। इस प्रकार प्रत्येक वरिष्ठ नागरिकों को भी गरिमा के साथ जीवन जीने का एक संवैधानिक अधिकार है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 41 में राज्य पर यह दायित्व सौंपा गया है कि वह बुढ़ापा, बीमारी व निःशक्तता में लोगोंकी सहायता के लिए उपबन्ध करें।

आज हमारे समाज में वरिष्ठ नागरिकों को, खासतौर से विघटित परिवारों में  तिरस्कृत किया जा रहा है, उन्हे अपेक्षित सम्मान नहीं दिया जा रहा है और उनका जीवन कष्टमय हो गया है। ऐसे बहुत कम लोग है, जो अपने बुजुर्गों का सम्मान करते है और उनकी सुख-सुविधा का ध्याान रखते है। यद्यपि शासन द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान व सुविधा की दृष्टि से तमाम योजनायें, जैसे वृद्धा पेंशन योजना, यातायात में आरक्षण योजना आदि चलायी गयी है।

इस विधिक जागरूकता शिविर में समाज कल्याण अधिकारी श्री विनोद कुमार सिंह, श्री घनश्याम सिंह, श्री नन्द जी गुप्ता, व समस्त कर्मचारीगण एवं वृद्धाश्रम में रह रहे समस्त वृद्धजन उपस्थित रहें।





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