देवउठनी एकादशी पर करें ये उपाय, दूर होंगी विवाह में आने वाली बाधाएं


कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी के नाम से जानते हैं। इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागृत अवस्था में आते हैं। आइए जानते हैं कब है देवउठनी एकादशी और इसकी पूजा विधि क्या है।

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन तुलसी-शालिग्राम का विवाह होता है और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। देवउठनी एकादशी यानी देवोत्थान एकादशी इस साल 4 नवंबर को रहेगी। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की यह एकादशी तिथि 03 नवंबर 2022 की शाम 07 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी। एकादशी तिथि का समापन 04 नवंबर की शाम 06 बजकर 08 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार एकादशी का व्रत 04 नवंबर को रखा जाएगा। इस दिन कुछ विषय उपाय करने से विवाह में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि वे उपाय कौन से हैं जो विवाह संबंधी बाधाएं दूर कर सकते हैं।

यदि आप अपना मनपसंद जीवनसाथी पाना चाहते हैं, तो इस दिन 'ॐ नमो भगवते नारायणाय’ मंत्र का जप करते हुए तुलसी के पौधे में केसर मिश्रित ठंडा दूध अर्पित करें साथ ही भगवान शालिग्राम को भी केसर मिश्रित दूध का भोग लगाएं।

यदि आपके जीवन में किसी भी प्रकार का संकट न आये, आपका जीवन बिना किसी रूकावट के चलता रहे, इसके लिए प्रबोधिनी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे के नीचे घी का एक दीपक जलाएं।

संभव हो तो गाय के घी का दीपक जलाएं और तुलसी के पौधे को प्रणाम करते हुए अपने अच्छे जीवन के लिये प्रार्थना करें।

यदि आप अपने दाम्पत्य संबंधों को सुखमय और मधुर बनाना चाहते हैं, तो इस दिन तुलसी के पौधे में श्रृंगार का सामान चढ़ाकर उसकी पूजा करें और पूजा के बाद सभी सामग्री किसी सुहागिन महिला को भेंट कर देना चाहिए।

यदि आपकी बेटी के विवाह में किसी प्रकार की अडचने आ रही है, तो उन अड़चनों से छुटकारा पाने के लिए इस दिन आपको पांच तुलसी दल(पत्ते) लेकर, उस पर हल्दी का टीका लगाकर श्री हरि(शालिग्राम) को अर्पित करें।

यदि आप अपनी संतान के दाम्पत्य जीवन को अच्छा बनाना चाहते हैं, तो आज आपको शालिग्राम और तुलसी जी की विधिपूर्वक पूजा करें और भगवान को इलायची का जोड़ा अर्पित करें। पूजा के बाद उस इलायची के जोड़े को अपनी संतान को पानी के साथ गटकने के लिए दे दें।

यदि आप अपनी आर्थिक सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो इस दिन तुलसी को भोग के रूप में बताशे अर्पित करें और पौधे के पास घी का एक दीपक जलाएं।

इस दिन भगवान शालिग्राम की भी धूप-दीप, पुष्प आदि से पूजा करें और पूजा के समय कुछ सिक्के और कौड़ियां रखें। जब पूजा समाप्त हो जाये, तो उन सिक्कों और कौड़ियों को संभालकर अपनी तिजोरी में या अपने पास सुरक्षित रख ले।

यदि आप अपनी नौकरी में अच्छी आमदनी पाना चाहते हैं, तो आज भगवान श्री विष्णु या शालिग्राम जी को हल्दी का टीका लगाएं और तुलसी दल से उनकी पूजा करें। पूजा के बाद हाथ जोड़कर भगवान से अच्छी आमदनी के लिए प्रार्थना करें।

यदि आप अपने जीवन में सौभाग्य को बनाये रखना चाहते हैं, तो आज तुलसी के पौधे पर लाल चुनरी चढ़ाएं और भगवान श्री विष्णु (शालिग्राम) को एकाक्षी नारियल अर्पित करें।

यदि आप अपने जीवन में भरपूर ऊर्जा बनाये रखना चाहते हैं, तो इस दिन आप तुलसी के पौधे की जड़ के पास एक पीले रंग का कपड़ा रखें और तुलसी जी को मिश्री का भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद बचे हुए प्रसाद को परिवार के सभी लोगों में बांट दें और वहां रखे पीले रंग के कपड़े को अगले दिन ब्राह्मण को दान कर दें।

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साभार- नईदुनिया





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