लक्ष्य के बिना मनुष्य का जीवन दिशाहीन और व्यर्थ है. जिस तरह बिना गोली के बंदूक बेकार होती है उसी प्रकार जिन लोगों की जिंदगी में कोई लक्ष्य नहीं होता वो जीता तो है लेकिन भटकता रहता है और किसी काम का नहीं होता. लक्ष्य को तय करने की राह आसान नहीं होती, इसमें इंसान कई बार गिरता है. उसे असफलता का सामना भी करना पड़ता है. कई बार ऐसी स्थिति आती है जब मनुष्य को हार भी झेलनी पड़ती है लेकिन चाणक्य ने बताया है कि किस परिस्थिति में ऐसे मनुष्य हार के भी बाजी जीत जाते हैं. आइए जानते हैं.
प्रयास करने के बाद भी असफल हुए तो ऐसे में आप उस व्यक्ति से ज्यादा बेहतर होंगे जिसको बिना कोशिश के सफलता मिली हो : आचार्य चाणक्य
चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर कोशिशे करता है लेकिन फिर भी हार जाता है, ऐसे व्यक्ति जीतने वाले से सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं. जो बिना प्रयास के शॉर्टकट से जीत हासिल करता है उससे कई बेहतर है वो इंसान है जिसने अपनी मंजिल को पाने के लिए जी तोड़ मेहनत की और अंत तक हिम्मत न हारी.
महात्मा गांधी ने भी कहा है कुछ न करने से बेहतर है कुछ करना. सच्ची सफलता बिना संघर्ष के नहीं मिलती. मुकाम तक पहुंचने के लिए कई मुश्किलों को पार करना पड़ता है. चाणक्य कहते हैं कि जो गिरकर भी हार नहीं मानते, लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरे तन-मन से कोशिश करते हैं ऐसे व्यक्ति अगर असफल हो भी जाए तो हारी हुई बाजी जीत जाता है, क्योंकि मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती. वर्तमान में नहीं तो भविष्य में उसे मेहनत का फल जरूर मिलेगा.
चाणक्य कहते हैं कि बिना कोशिश के कई लोगों कामयाबी प्राप्त कर लेते हैं लेकिन उन्हें बाद में इसका हरजाना भुगतना पड़ता है,क्योंकि ऐसी जीत खोखली होती है. वहीं जो कदम कदम पर हर चीज को बारीकी से खीखता है. लक्ष्य प्राप्ति के लिए हर पड़ाव को पार कर मुकाम तक पहुंचने का प्रयास करता है उसकी ईमानदारी के साथ की गई मेहनत बहुत काम आती है. ऐसे व्यक्ति हर जगह वाह-वाही प्राप्त करते हैं.
Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
0 Comments