*मनुष्य का मन*

 


हमारे मन का एक बहुत बड़ा गुण है, कि जो हमारे पास होता है, ये मन उसकी फिक्र कभी नहीं करता ! और जो हमारे पास नहीं होता है, हमेशा हमारा मन उसी की आकांक्षा से भरा रहता है। मछली जीवन भर जल में रहती है, लेकिन उसे पानी का मूल्य तब तक पता नहीं लगता, जब तक कि उसे पानी से बाहर निकाल नहीं दिया जाता है।

मछली को जैसे ही पानी से बाहर किया जाता है, तड़पने लगती है। तब उसे पता लगता है, कि जल ही उसका जीवन है। ठीक उसी तरह हमारा भी, जब तक उम्र का अन्तिम पड़ाव न आ जाये, तब तक हमें भी ये एहसास नहीं होता, कि हमारे पास कितना बहुमूल्य जीवन था।

पंडित संतोष दूबे ✍️

गोपालपुर, सहोदरा, बलिया (उ.प्र.) 

मो0-7905916135




Comments
Popular posts
बलिया : विभिन्न गंगा घाटों पर महिलाओं को वस्त्र बदलने के लिए मदद संस्थान ने लगवाया स्थाई टेंट
Image
बलिया : बदलते मौसम में स्वास्थ्य का रखें खास ख्याल, बरतें ये सावधानियां : डॉ0 संतोष कुमार सिंह
Image
पुलिस अधीक्षक बलिया द्वारा पुलिस लाइन में उपस्थित लोगों को यातायात नियमों के पालन हेतु दिलायी गयी शपथ
Image
बलिया के इस क्षेत्र में सुबह 10 बजे से रात्रि 10 बजे तक विद्युत आपूर्ति रहेगी बाधित
Image
यूपी परिवहन विभाग ने 6000 से ज्यादा बस कंडक्टर के पदों पर निकाली भर्ती, बिना परीक्षा आवेदन हुए शुरु
Image