घर में विराजमान लड्डू गोपाल को नियम के साथ चार समय भोग अवश्य लगाना चाहिए. आइए जानते हैं कि लड्डू गोपाल को भोग लगाने के क्या हैं नियम.
कृष्ण जन्माष्टमी त्योहार, भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. जन्माष्टमी के दिन आधी रात को भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था. अष्टमी के दिन रात को भगवान की पूजा की जाती है और उनको खास भोग चढ़ाया जाता है. इस पवित्र दिन पर बहुत सारे प्रसाद तैयार किए जाते हैं.कुछ जगहों पर कान्हा को 56 भोग भी लगाएं जाते हैं. वैसे तो लड्डू गोपाल की पूजा के कई नियम बताए गए हैं, पर सबसे ज्यादा जिस नियम का ध्यान हर किसी को रखना चाहिए वो है, लड्डू गोपाल को भोग लगाना. कहते हैं कि लड्डू गोपाल को दिन में 4 बार भोग जरूर लगाना चाहिए. चलिए जानते हैं कि घर में विराजमान लड्डू गोपाल को आप किस तरह से भोग लगा सकते हैं.
पहला भोग : लड्डू गोपाल को सबसे पहला भोग सुबह उठते ही लगाएं. सुबह 6 से 7 बजे के मध्य सबसे पहले घंटी या फिर लयबद्ध तरीके से ताली बजाते हुए, लड्डू गोपाल को जगाएं. फिर इसके बाद उन्हें दूध पिलाएं.भोग लगाए हुए दूध का इस्तेमाल आप चाय में बनाने में या फिर किसी और उपयोग कर सकते हैं.
दूसरा भोग : दूसरा भोग स्वयं स्नान करने और उसके बाद लड्डू गोपाल को स्नान करवाने के बाद लगाएं. लड्डू गोपाल को स्वच्छ वस्त्र पहनाएं और तिलक लगाएं. इसके बाद दूसरा भोग लगाएं. कृष्ण जी को मक्खन-मिश्री और लड्डू अति प्रिय हैं, इसलिए कृष्ण जी को इनका भोग लगाएं. इसके अलावा मौसमी फलों का भोग भी लगा सकते है.
तीसरा भोग : दोपहर के समय लड्डू गोपाल को उस भोजन का भोग लगाएं, जो स्वयं के लिए बनाया हो. पर इस बात का ध्यान रखें कि भोजन में लहसुन और प्याज कुछ भी ना हो. यदि भोजन में लहसुन और प्याज का प्रयोग करते हैं, तो लड्डू गोपाल के लिए मीठी पूरी या पराठा बना लें.
चौथा भोग : शाम के समय लड्डू गोपाल को मखाने या मेवा का भोग लगाएं.इसके अलावा लड्डू गोपाल को पापड़-चिप्स का प्रसाद चढ़ाएं.रात्रि के समय घर पर जो भी भोजन बना हो, सबसे पहले लड्डू गोपाल को भोग लगाएं. लड्डू गोपाल को शयन करवाने से पहले दूध दें.
Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
0 Comments