चाणक्य नीति : आपकी सारी मेहनत पर पानी फेर देती हैं ये 4 गलतियां, सफलता चाहिए तो इन भूलों से रहें सचेत


आचार्य चाणक्य का मानना था कि जीवन में कुछ गलतियां हमारी सफलता की राह में अवरोध बन जाती हैं. लेकिन तमाम लोग इन गलतियों के बारे में जान तक नहीं पाते हैं. आचार्य ने चाणक्य नीति में भी इन गलतियों का जिक्र किया है. यहां जानिए ऐसी कुछ सामान्य सी गलतियों के बारे में जो आपकी असफलता की वजह अन सकती हैं. इनके प्रति हमेशा सचेत रहने की कोशिश करें.

पहली गलती है किसी की नकल करना. आप जो भी करना चाहते हैं, उसकी राह स्वयं की क्षमताओं का आकलन करने के बाद चुनें. उस कार्य को शुरू करने से पहले खुद से पूछें कि मैं इसे क्यों कर रहा हूं, क्या मैं इसमें सफल हो पाउंगा. जब आपको इसके संतोषजनक उत्तर मिलें, तो ही आपको वो काम करना चाहिए. किसी की नकल करने से कभी सफलता प्राप्त नहीं होती.

दूसरी गलती है काम को बीच में छोड़ देना. अगर आपने किसी काम को शुरू कर दिया है और आपको पता है कि ये काम आपके लिए बिल्कुल सही है, तो इसे इसके अंजाम तक लेकर जाएं. बीच में छोड़ देने से आपकी सारी मेहनत पर पानी फिर जाता है. अगर राह में मुश्किलें आएं तो धैर्यपूर्वक समाधान खोजें. गलतियों से सीख लें और काम को जारी रखें. तब सफलता आपके हाथ आएगी.

असफलता का डर होना आपकी तीसरी गलती है. अगर किसी काम में आप पहले ही हार मान चुके हैं, तो आप उसकी शुरुआत कभी कर ही नहीं पाएंगे. जब शुरुआत नहीं होगी, तो सफलता भी कैसे मिलेगी. इसलिए किसी भी काम जब करें तो पूरी शिद्दत से करें. असफलता के डर के साथ किया गया काम अधूरे मन से होगा, जो आपको कभी सफल नहीं बना सकता.

आपकी चौथी सबसे बड़ी गलती है अपनी योजना के बारे में दूसरों को बता देना. आपने जो भी सोचा हुआ है, उस प्लानिंग को किसी अन्य से शेयर कर देना. जब आप अपनी प्लानिंग को किसी दूसरे से शेयर करते हैं, तो वो आपके प्रतिद्वंदी तक पहुंच सकती है, ऐसे में हो सकता है कि आपका प्रतिद्वंदी उस योजना का बेहतर लाभ उठा ले. इसलिए अपनी योजना को स्वयं तक सीमित रखें.




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