उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कानपुर में गाथा महोत्सव -2022 को वर्चुअली सम्बोधित किया


गाथा महोत्सव भारत के लोगों को साहित्य और कला से जोड़ेगा।

बिना अपनी धरोहर को जाने और पहचाने कोई समाज वास्तविक रूप में प्रगति नहीं कर सकता : केशव मौर्य        

लखनऊ: 24 जुलाई 2022। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को सीएसजेएम विश्वविद्यालय कानपुर में आयोजित भव्य गाथा महोत्सव 2022 को आनलाइन संबोधित किया।सीएसजेएम विश्वविद्यालय और आइआइटी कानपुर के संयुक्त तत्वाधान में गाथा महोत्सव 2022 आयोजित किया जा रहा है।

श्री मौर्य ने गाथा के कोफाउंडर अमित तिवारी एवं आई.आई.टी. कानपुर इन्क्यूबेशन सेंटर की टीम को इस तीसरे वर्ष में प्रवेश करने की बधाई  दी और कहा कि किसी भी स्टार्टअप के लिए पहले 2 वर्ष सबसे अधिक दुष्कर होते हैं। कहा कि बिना अपनी धरोहर को जाने और पहचाने कोई समाज वास्तविक रूप में प्रगति नहीं कर सकता है। लेकिन जिस तरह हमारा रहन सहन और जीवन के तौर तरीके अपग्रेड हो रहे हैं, इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से भरे हुए इस समय में भारतीय संस्कृति को प्राचीन धरोहरों को आधुनिक कलेवर में प्रस्तुत करना बहुत जरुरी हैं। विशेषकर साहित्य के क्षेत्र में भारत का बेहद समृद्ध इतिहास है। कहा कि गाथा इसी साहित्यिक परंपरा को आधुनिक तकनीक के माध्यम से जन जन तक ले जाने प्रयास कर रहा है जो बहुत ही सराहनीय है। केशव  मौर्य ने अपने सारगर्भित व प्रेरक उद्बोधन में कहा कि गाथा एप्प आने वाले वर्षों में विश्व के कोने कोने तक भारतीय संस्कृति की दुर्लभ कृतियों को पहुचाये ऐसी मेरी इच्छा है और शुभकामनाएं भी।

उप मुख्यमंत्री ने दिल्ली से वर्चुअल रूप से कानपुर में आयोजित गाथा महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि पूरा विश्व आज भारत की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है। उन्होंने पूरे विश्व की उम्मीदों को पूरा करने के लिए सभी लोगों से सहयोग करने  की अपील की। श्री मौर्य सीएसजेएम विश्वविद्यालय में भव्य गाथा महोत्सव 2022 को बतौर मुख्य अतिथि आनलाइन संबोधित कर रहे थे।

कहा कि इस आयोजन से लोगों को कुछ नया सीखने को मिलेगा और भविष्य में इस क्षेत्र में जाने के लिए प्रोत्साहन भी मिलेगा। उन्होंने गाथा एप को तकनीक, साहित्य, संस्कृति और कला का मिश्रण भी बताया। उन्होंने कहा कि गाथा भारत की संस्कृति से जुड़ी साहित्य, सभ्यता और कला को ऑडियो के रुप में लाने का एक प्रयास है, जिससे भारतीय संस्कृति को पूरी दुनिया के लोगों तक पहुंचाया जा सके। 

आई.आई.टी. कानपुर के डायरेक्टर प्रोफेसर अभय करंदीकर, छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी कानपुर के उप कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक, पूर्व डीएसटी सेक्रेटरी (भारत सरकार) प्रोफेसर आशुतोष शर्मा छात्र-छात्राएं एवं अन्य अतिथिगण मौजूद रहे।

बी एल यादव

सूचना अधिकारी। 



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