जानें कब है योगिनी एकादशी? इन नियमों के पालन से व्रत होगा सफल



योगिनी एकादशी व्रत रखने से 88 हजार ब्राह्मणों को खाना खिलाने के बराबर पुण्य लाभ प्राप्त होने की मान्यता है.

योगिनी एकादशी व्रत हर साल आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस बार यह एकादशी व्रत 24 जून, शुक्रवार को रखा जाएगा. योगिनी एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि योगिनी एकादशी व्रत करने से जीवन में किए गए हर प्रकार के पाप और किसी के द्वारा दिए गए श्राप से मुक्ति मिल जाती है. योगिनी एकादशी व्रत का फल तभी मिलेगा जब व्रत के नियम का पालन पूरी तरह से किया जाएगा. आइये जानें योगिनी एकादशी व्रत के नियम :-

योगिनी एकादशी व्रत के नियम :

-योगिनी एकादशी व्रत में कभी झूठ न बोलें और बड़ों का सम्मान करें.

-जरूरतमंदों की मदद जरूर करें.

-योगिनी एकादशी व्रत में किसी के दिल को ठेस न पहुंचाएं और न किसी का अपमान करें.

-व्रत के दिन घर में अंडा, मांस, मदिरा आदि का सेवन कतई न होने दें.

-व्रत के एक दिन पूर्व से एक दिन बाद तक ब्रह्मचर्य का पालन करें.

-व्रती जमीन पर ही आराम करें और रात को जागकर भगवान का ​कीर्तन भजन करे.

-योगिनी एकादशी व्रत के पारण करने तक अन्न ग्रहण न करें.

योगिनी एकादशी व्रत 2022 शुभ मुहूर्त : 

-योगिनी एकादशी व्रत 24 जून शुक्रवार को है.

-एकदशी तिथि का आरंभ: 23 जून को रात 9 बजकर 41 मिनट से

-एकादशी तिथि की समाप्ति : 24 जून को रात 11 बजकर 12 मिनट पर

-योगिनी एकादशी व्रत का पारण समय: 25 जून को सुबह 5 बजकर 41 मिनट के बाद और 8 बजकर 12 मिनट से पहले

-पारण की अवधि: 2 घंटे 28 मिनट

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.




Comments