कहते हैं कि पैसों से व्यक्ति अपनी हर जरूरत की चीज खरीद सकता है और अपनी साथ ही अपने घर-परिवार का भी भरण-पोषण आसानी से कर सकता है.
कुशल अर्थशास्त्री माने जाने वाले आचार्य चाणक्य ने धन और लक्ष्मी को लेकर कई नीतियों का उल्लेख किया है. आचार्य चाणक्य ने पैसों के बारे में महत्वपूर्ण नीति बताई है. कमाई, व्यय, भोग और निवेश से जुड़ी चाणक्य की इस नीति को आप समझकर अपना लेंगे तो आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आ जाएगी. कहते हैं कि पैसों से व्यक्ति अपनी हर जरूरत की चीज खरीद सकता है और अपनी साथ ही अपने घर-परिवार का भी भरण-पोषण आसानी से कर सकता है. वहीं विपरीत परिस्थितियों में धन हाथ में होने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास रहता है, लेकिन आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में बताया है कि 3 चीजें ऐसी हैं जो पैसों से भी बढ़कर हैं.
1. प्रेम : आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दुनिया में रिश्तो को सहेज कर रखना बहुत मुश्किल होता है. सच्चे रिश्ते मिलना भी नसीब की बात है. अगर कोई व्यक्ति आपसे सच्चा प्रेम करता है और आपकी भलाई सोचता है, तो ऐसे लोगों के सामने पैसे का कोई मूल्य नहीं है. क्योंकि पैसों से कभी भी किसी का प्रेम नहीं खरीदा जा सकता.
2. धर्म : धर्म के द्वारा मनुष्य को सही गलत की पहचान होती है, इसलिए धर्म से ऊपर धन को रखा जाना बेवकूफी है. चाणक्य नीति के अनुसार यदि धन कमाने के चक्कर में धर्म को त्याग दिया तो ऐसे लोगों का समाज में कोई मान-सम्मान नहीं रह जाता.
3. स्वाभिमान : आचार्य चाणक्य के अनुसार इस दुनिया में आपके लिए स्वाभिमान से बढ़कर कोई दूसरी चीज नहीं होनी चाहिए. अगर आपको अपना स्वाभिमान बचाने के लिए सब कुछ त्यागना पड़े तो भी झिझकें नहीं. व्यक्ति धन को अपनी मेहनत से दोबारा कमा सकता है, लेकिन आत्मसम्मान चला जाए तो उसे वापस पाना बहुत कठिन है.
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