चाणक्य नीति : ऐसा करने से आप दूसरों के सामने साबित हो सकते हैं मूर्ख


आप किसी के लिए कितनी भी भलाई क्यों न कर लें। वह तक ही आपका है जब तक आप उसके काम आ रहे हैं।

आचार्य विष्णुगुप्त यानी चाणक्य ने अपने नीति शास्त्रों में कई ऐसे सामाजिक ज्ञान को लोगों के सामने जाहिर किया है, जिसे अपना कर मनुष्य एक सफल जीवन जी सकता है। आचार्य चाणक्य के मुताबिक, अगर जीवन में सुख है तो दुख भी आएगा और दुख है तो सुख का आना भी उनका ही सत्य है। आज की आचार्य चाणक्य की नीति में हम उनके एक विचार का विश्लेषण करेंगे जो जीवन में सफल होने का मंत्र देता है।

'दूसरों के लिए अपने वजूद को दांव पर लगाना है मूर्खता'- आचार्य चाणक्य 

आचार्य चाणक्य ने अपने इस विचार में विश्वास और वजूद के बारे में बताया है। आचार्य चाणक्य की बातों का मतलब कि आप किसी के लिए कितनी भी भलाई क्यों न कर लें। वह तक ही आपका है जब तक आप उसके काम आ रहे हैं। जिस दिन आप उसके काम के नहीं आएंगे उस दिन वो आपकी सभी अच्छाइयों को भूल जाएगा और अपना असली चेहरा दिखा देगा। 

अपनी इस नीति में आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जिस दिन सामने वाले का काम निकल जाएगा, वो आपका साथ छोड़ देगा। अगर आपने एक छोटी गलती कर दी तो वह आपकी सभी अच्छाइयों को भूल जाएगा और आपका तिरस्कार करने में समय नहीं लगाएगा। 





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