चाणक्य नीति : महान बुद्धिमान, दार्शनिक और शाही सलाहकार आचार्य चाणक्य ने भी अपने नीति शास्त्र में कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताया गया है, जो इस धरती पर बोझ के समान माने जाते हैं और इन लोगों से दूर रहना ही बेहतर होता है...
कई शास्त्रों और ग्रंथों में कुछ ऐसे गुणों के बारे में बताया गया है जो अगर किसी व्यक्ति में मौजूद हैं तो उस व्यक्ति का जीवन व्यर्थ है। उसे जीवन में कभी सफलता हासिल नहीं हो पाती और ऐसे लोग दूसरों का भी कभी भला नहीं कर सकते। साथ ही महान बुद्धिमान, दार्शनिक और शाही सलाहकार आचार्य चाणक्य ने भी अपने नीति शास्त्र में कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताया गया है, जो इस धरती पर बोझ के समान माने जाते हैं और इन लोगों से दूर रहना ही बेहतर होता है...
आचार्य चाणक्य के अनुसार जिन लोगों के मन में बुराई या पाप वास करता है, वे लोग बाहर से अपने आपको कितना भी साफ दिखाने की कोशिश कर लें, उनका स्वभाव वही रहता है। चाणक्य नीति के अनुसार पापी लोग अपने जीवन को बर्बाद करने के साथ ही अपने आप से जुड़े लोगों का भी बुरा ही करते हैं।
चाणक्य नीति कहती है कि यदि कोई व्यक्ति धन के महत्व को ना समझकर उसे अनावश्यक चीजों के लिए खर्च करता है तो ऐसे लोगों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। इन लोगों के जीवन का कोई महत्व नहीं होता है। इसलिए ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस व्यक्ति के भीतर ज्ञान, शालीनता, धैर्य और कृतज्ञता जैसे गुण नहीं होते हैं वे लोग इस धरती पर भार की तरह होते हैं। उनका जीवन किसी के हित में काम नहीं आता। ये लोग खुद तो असंतुष्ट होते ही हैं और अपने घर-परिवार के लोगों को भी परेशान करते हैं।
अगर कोई व्यक्ति घमंड में चूर रहता है। दान-पुण्य नहीं करता और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने से दूर भागता है तो भी चाणक्य नीति के अनुसार ऐसे लोगों का जीवन व्यर्थ है। इन्हें कभी किसी का आदर नहीं मिलता और ना ही ये अपने लक्ष्य में सफलता प्राप्त कर पाते हैं।
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