बलिया। हर साल बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने अपने आवास पर बाढ़ के संबंध में अधिकारियों की बैठक की। बैठक में अति संवेदनशील क्षेत्रों और संवेदनशील क्षेत्रों पर विचार विमर्श किया गया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि जो भी परियोजनाएं नदियों पर चल रही हो उन्हें जल्द से जल्द पूरा करा लिया जाए। पूर्व में जो परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं उनका निरीक्षण करके उनको अवगत कराया जाए। बताते चलें कि बलिया में गंगा, घाघरा, टोंस एवं मगई नदी बहती है। सर्वाधिक बाढ़ गंगा और सरयू नदी में आती है। नदियों पर बनाए गए बांधो पर चर्चा करते हुए उन्होंने वर्तमान परियोजनाओं की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिया कि जनपदीय बाढ़ पुस्तिका को अपडेट कर उनके सामने प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान जिन विभागों की जिम्मेदारी होती है वह अभी से सतर्क हो जाएं। कृषि विभाग को निर्देश दिया कि जानवरों के चारे की व्यवस्था पहले से ही कर ले क्योंकि बाढ़ के दौरान जानवरों के लिए चारों की आपूर्ति न्यूनतम हो जाती है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ के दौरान होने वाली बीमारियों पर विशेष ध्यान दें।
जिलाधिकारी ने बताया कि जल्दी ही मुख्यमंत्री बाढ़ संबंधी कार्यों की समीक्षा करेंगे। ईओ नगरपालिका से उन्होंने नगर क्षेत्र में होने वाले जलजमाव की समस्या के संबंध में जानकारी मांगी। ईओ नगरपालिका को फटकार लगाते हुए उन्होंने कहा कि जिन जगहों पर भी पानी का जमाव होता है जल्द से जल्द उनका निराकरण किया जाए। कटहर नाले की साफ-सफाई बारिश से पहले से ही करा लेने के निर्देश दिए।जिससे कि बारिश का पानी आसानी से शहर से बाहर निकल सके। बताया गया कि सुरहाताल में नौ नाले आकर मिलते हैं जो शहर का पानी लाकर इस ताल में गिराते हैं। जिलाधिकारी ने सुरहाताल में गिरने वाले नालों की सफाई बारिश से पहले ही करा लेने का निर्देश दिया। अगर समय रहते उस की साफ सफाई हो जाएगी तो शहर में जल जमाव की समस्या उत्पन्न नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जिन भी परियोजनाओ पर कार्य चल रहा है उन्हें जल्द से जल्द पूरा करा लिया जाए। कहा कि कार्य युद्ध स्तर पर होना चाहिए।
इस बैठक में जिलाधिकारी के अतिरिक्त एसपी राजकरण नैयर, सीडीओ प्रवीण वर्मा, मुख्य राजस्व अधिकारी विवेक श्रीवास्तव, सीओ सिटी भूषण वर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अतिरिक्त सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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