एकादशी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. साल भर में आने वाली 24 एकादशियों में सभी का अपना अलग महत्व होता है. लेकिन कुछ एकादशी के व्रत ऐसे होते हैं, खास महत्व रखते हैं.
शास्त्रों में एकादशी के व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. साल भर में आने वाली 24 एकादशियों में सभी का अपना अलग महत्व होता है. लेकिन कुछ एकादशी के व्रत ऐसे होते हैं, खास महत्व रखते हैं. इन्हीं में से एक है निर्जला एकादशी का व्रत. हिंदू कैलेंडर के तीसरे माह ज्येष्ठ माह में निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस माह में दिन बड़े होने लगते हैं इसलिए इन्हें ज्येष्ठ माह के नाम से जानते हैं.
इस माह का धार्मिक महत्व भी है. निर्जला एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है और व्रत रखा जाता है. आइए जानते हैं इस बार निर्जला एकादशी कब है, पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में.
निर्जला एकादशी तिथि 2022 :
निर्जला एकादशी 2022 तिथि आरंभ- 10 जून
निर्जला एकादशी 2022 प्रारंभ - सुबह 07:25 मिनट से अगले दिन 11 जून, शाम 05:45 मिनट समापन होगा.
निर्जला एकादशी व्रत का महत्व :
सभी व्रतों में एकादशी का व्रत श्रेष्ठ माना गया है. और इसमें भी निर्जला एकादशी का व्रत सबसे श्रेष्ठ है. और ये सबसे कठिन व्रतों में से एक है.इस व्रत में अन्न और जल का त्याग किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति ये व्रत विधिपूर्वक करता है, उसे जीवन में हमेशा सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
निर्जला एकादशी व्रत की पूजा विधि :
शास्त्रों के अनुसार एकादशी व्रत में नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इस दिन स्नान करने के बाद पूजा स्थल पर बैठकर, व्रत का संकल्प लें और पूजा आरंभ करें. भगवान विष्णु को पीले रंग के वस्त्र पहनाएं. साथ ही, पूजा में पीले रंग के फूलों का इस्तेमाल करें. मान्यता है कि भगवान विष्णु को पीला रंग अधिक प्रिय है इसलिए इस रंग अधिक से अधिक प्रयोग करें.
Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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