चैत्र नवरात्रि पर बन रही ग्रहों की ऐसी स्थिति, जानिए राशियों पर क्या पड़ेगा असर



चैत्र नवरात्रि से हिंदू पंचांग का नया साल संवत शुरू होता है। मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है।

हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। पौराणिक कथा के अनुसार एक साल में चार नवरात्र होते हैं। दो गुप्त नवरात्रि हैं। दो सार्वजनिक रूप से मनाऊ जाती है। सनातन धर्म में चैत्र नवरात्रि भी खास महत्व है। इन नवरात्रि को राम नवरात्रि भी कहते है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीराम सबसे पहले समुद्र तट पर देवी दुर्गा की पूजा करके लंका गए थे। नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा का नौ अलग-अलग रूपों से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मां की कृपा हमेशा भक्तों पर बनी रहती है। यह भी मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि का महत्व भगवान ब्रह्मा ने स्वयं बृहस्पति को बताया था।

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि शनिवार, 02 अप्रैल से 11 अप्रैल तक है। प्रतिपदा तिथि 11.53 बजे शुरू होगी। नवरात्रि के दौरान सभी नौ दिन देवी शक्ति के नौ रूपों को समर्पित होते हैं। चैत्र नवरात्रि उत्तर भारत में अधिक लोकप्रिय है। महाराष्ट्र में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत गुड़ी पड़वा से और आंध्रप्रदेश में उगादी से होती है।

चैत्र नवरात्रि 2022: महत्व : चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व होली के बाद मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा, देवी शैलपुत्री, देवी ब्रह्मचारिणी, देवी चंद्रघंटा, देवी कुष्मांडा, देवी स्कंदमाता, देवी कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और देवी सिद्धिदात्री की पूजा करने का विधान है।

चैत्र नवरात्रि 2022: ग्रहों की स्थिति : ज्योतिषाचार्य के अनुसार चैत्र नवरात्रि में शनि और मंगल का मकर राशि में रहेंगे। शनि और मंगल दोनों शत्रु ग्रह है। यह युति नकारात्मक प्रभाव लेकर आएगी। कर्क, कन्या और धनु राशिवालों को सर्तक रहना होगा। मेष, मिथुन और कुंभ समेत अन्य राशि के जातकों के लिए युति लाभदायक रहेगी। बृहस्पति इस दौरान कुंभ राशि में रहेंगे। मीन राशि में सूर्य, वृषभ राशि में राहु और वृश्चिक में केतु गोचर करेंगे।

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