हवाई चप्पल और हरे कुर्ते वाले शख्स ने राज्यमंत्री को हराया, यह रिकॉर्ड भी किया अपने नाम


उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से कमल खिला है और भाजपा ने सरकार बरकरार रखी है. यूपी विधानसभा चुनाव में सियासत के कई रंग देखने को मिले. इनमें से एक नजारा यह भी देखने को मिला कि हवाई चप्पल पहनने वाले एक कैंडिडेट ने योगी सरकार के मंत्री को ही हरा दिया. समाजवादी पार्टी की टिकट पर विधायक बने अनिल प्रधान जनता से चुनकर सामने आए हैं और उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री को हराकर अपनी पहचान तो बनाई ही है, साथ ही प्रदेश में सबसे गरीब विधायक होने का भी रिकॉर्ड बनाया है.

चित्रकूट: उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से कमल खिला है और भाजपा ने सरकार बरकरार रखी है. यूपी विधानसभा चुनाव में सियासत के कई रंग देखने को मिले. इनमें से एक नजारा यह भी देखने को मिला कि हवाई चप्पल पहनने वाले एक कैंडिडेट ने योगी सरकार के मंत्री को ही हरा दिया. समाजवादी पार्टी की टिकट पर विधायक बने अनिल प्रधान जनता से चुनकर सामने आए हैं और उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री को हराकर अपनी पहचान तो बनाई ही है, साथ ही प्रदेश में सबसे गरीब विधायक होने का भी रिकॉर्ड बनाया है.

चित्रकूट विधानसभा से समाजवादी पार्टी से नवनिर्वाचित विधायक अनिल प्रधान ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जिला पंचायत सदस्य से शुरू की थी और अब वह चित्रकूट 236 विधानसभा से विधायक बन चुके हैं. सपा के नवनिर्वाचित विधायक अनिल प्रधान चित्रकूट जनपद के रुकमा ददरी ग्राम पंचायत के लंका पुरवा गांव के रहने वाले हैं, जो कि एक किसान परिवार से आते हैं. दावा किया जाता है कि अनिल प्रधान ने अपने क्षेत्र की गरीबी की समस्या को देखकर समाज सेवा करने का फैसला लिया था और उन्होंने एक नेता नहीं बल्कि किसान का बेटा बनकर अपने अलग वेशभूषा हरे रंग का कुर्ता और हवाई चप्पल पहनकर 2010 से ही अपने क्षेत्र के गरीब आदिवासी के लिए काम करना और उनकी आवाज बनना शुरू कर दिया था.

वह पहली बार उस वक्त चर्चा में आए थे जब, 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चित्रकूट दौरे पर आए थे. उस दौरान जनसभा में अनिल प्रधान ने अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर अखिलेश यादव की जनसभा में हंगामा काटा था, जिस पर पुलिस ने अनिल प्रधान को पकड़कर जनसभा से बाहर कर दिया गया था. हालांकि, अनिल प्रधान की उस हरकत से उस वक्त अखिलेश यादव को गुस्सा नहीं आया था बल्कि उनसे प्रभावित हुए थे. यही वजह है कि अखिलेश यादव ने अनिल प्रधान को बुलाकर लखनऊ में मुलाकात भी की थी, जिसके बाद अनिल प्रधान के सुझाव पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चित्रकूट जनपद में कई योजनाओं को भी संचालित किया था.

अनिल प्रधान को आखिरकार विधानसभा चुनाव 2022 में सपा ने टिकट दिया. अनिल प्रधान ने उत्तर प्रदेश सरकार में पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री रहे चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय को 20876 वोटों से हरा दिया, जिसके बाद अनिल प्रधान की चर्चा पूरे प्रदेश में होने लगी है. अनिल प्रधान जब विधायक नहीं थे, तब भी वह हवाई चप्पल और हरे रंग का कुर्ता पहनते थे और अब जब विधायक बन गए हैं, तब भी वह उसी रंग-रूप में दिखते हैं.

अनिल प्रधान ने अपने नामांकन के दौरान अपने शपथ पत्र में चल और अचल संपत्ति में केवल 34000 रुपए का मालिक होने की घोषणा की थी. हलफनामे के मुताबिक, उनके पास न तो कोई गाड़ी है और न ही कोई बैंक बैलेंस. उनके पास सिर्फ हरा कुर्ता और हवाई चप्पल है. यही वजह है कि चुनाव में भी चुनाव लड़ने के लिए उनके समाज के लोगों ने उनकी खूब मदद की है. चुनाव जीतने के बाद अब अनिल प्रधान पूरे प्रदेश में सबसे गरीब विधायक माने जा रहे हैं.




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