बेल या ऐगल मार्मेलोस भारत का स्वदेशी वृक्ष है। इसके पत्तों को बेल पत्र के रूप में जाना जाता है और भगवान शिव को अर्पित किया जाता है। यह आयुर्वेद का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पौधा है। इसके हर भाग का उपयोग विभिन्न रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। बेल/बिल्व या विल्वम के पत्ते भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। बेल के पत्तों का मधुमेह विरोधी प्रभाव बहुत प्रसिद्ध है। इसकी पत्तियों को ताजा और सुखाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इस लेख में आप बेलपत्र के औषधीय गुणों के बारे में जानेंगे :-
1. दस्त की समस्या में आराम दे : बेल के कच्चे फल को आग में अच्छे से सेंक लें। फिर इसके 10 से 20 ग्राम गूदे को चीनी के साथ रोजाना दिन में 3 से 4 बार सेवन करें। इससे दस्त की समस्या से लाभ मिलेगा।
2. कैंसर से बचाव : बेल के पत्ते का चूर्ण कैंसर होने की संभावना को काफी हद तक कम कर देता है। यह शरीर की किसी भी प्रकार के सूजन, पेट सम्बंधित समस्या में काफी लाभकारी है।
3. खून साफ करने में काफी सहायक : बेल के रस में हल्का गुनगुना पानी मिलाकर उसमें थोड़ी सी मात्रा में शहद डालकर नियमित सेवन करने से खून साफ हो जाता है।
4. कब्ज व पाचन की समस्या ठीक करे : बेल के पके फल के गूदे को ठंडे पानी में अच्छे से मसलकर, किसी गिलास में छान लें। फिर इसमें मिश्री, लौंग, इलायची, काली मिर्च व कपूर को मिलाकर शर्बत बना लें। फिर रोजाना इसका सेवन करें। इससे आपको ज्यादा प्यास नहीं लगेगी, पेट में जलन की समस्या से भी राहत मिलेगी, उल्टी, कब्ज व पाचन विकार की समस्या भी ठीक होगी।
5. शरीर को ठंडक दे : बेल के रस को ताजा शहद में मिलाकर सेवन करने से एसिडिटी से राहत मिलती है। अगर आपको बार बार मुंह के छाले होते हैं तो भी इसका सेवन आपके लिए काफी हद तक फायदेमंद माना गया है और इसका सेवन आपको गर्मियों में लू से बचाए रखने में मददगार है वहीं ये शरीर को अंदर से ठंडक देने का काम भी करता है।
6. रतौंधी में आराम दे : 10 ग्राम ताजे बेल के पत्तों को 7 काली मिर्च के साथ अच्छे से पीस लें, फिर इसे 100 ml पानी में अच्छे से छान लें, फिर इसमें 25gm मिश्री मिलाकर रोजाना सुबह और शाम सेवन करें। इसके अलावा, रात में बेल के पत्ते को पानी में भिगो दें। फिर उस पानी से सुबह उठकर आंखों को धोएं।
7. मधुमेह रोगियों के लिए : मधुमेह रोगियों के लिए बेल का पत्ता बहुत लाभदायक माना गया है। आप घर पर बेल की पत्तियों को पीसकर उसके रस का रोजाना 2 बार सेवन कर सकते हैं। ऐसा करने से इस बीमारी में काफी हद तक राहत मिलती है।
8. फोड़े-फुंसी में लाभ : अगर आप फोड़े-फुंसी की समस्या से ग्रस्त हो तो आप बेल की जड़ या फिर लकड़ी को पानी में पीसकर फोड़े-पुंसियों पर लगाएं। इससे जलन से राहत मिलेगी और जल्दी ठीक होंगे।
अस्वीकरण : सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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