चैत्र नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि की शुरुआत से पहले मां के आगमन के लिए घर में जोर-शोर से साफ-सफाई की जाती है. ताकि मां का घर पर वास हो सके.
चैत्र नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि की शुरुआत से पहले मां के आगमन के लिए घर में जोर-शोर से साफ-सफाई की जाती है. ताकि मां का घर पर वास हो सके. लेकिन इस दौरान अगर कुछ वास्तु अनुसार कुछ बदलाव कर लिए जाए, तो ये बेहद चमत्कारी साबित होते हैं. इससे घर में सुख-समृद्धि में लगातार वृद्धि होती है.
1. वास्तु के अनुसार ईशान कोण में देवताओं का वास होता है. इसलिए नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना इसी दिशा में करें. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है.
2. वास्तु जानकारों का मानना है कि अगर आप अखंड ज्योति जलाते हैं तो इसे आग्नेय कोष में रखें. आग्नेय कोण को अग्नि तत्व का प्रतिनिधि माना गया है. इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है.
3. शाम के समय पूजन स्थान पर घी का दीया अवश्य जलाएं. इससे घर के लोगों की सर्वत्र ख्याति होती है. अतः घर के मंदिर में लाइट की व्यवस्था भी पूरी होनी चाहिए.
4. नवरात्रि के दिनों में माता की स्थापना चंदन की चौकी या पट पर करने से वास्तु दोषों से मुक्ति मिलती है. चंदन को बहुत ही शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना गया है.
5. नवरात्रि के दौरान पूजा करते समय अराधक का मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए. पूर्व दिशा शक्ति और शौर्य का प्रतीक है. साथ ही इस दिशा के स्वामी सूर्य देव हैं. ऐसा करने से साधक की ख्याति चारो ओर प्रकाश की तरह फैलती है.
6. नवरात्रि के दिनों में 9 देवियों को लाल रंग के वस्त्र, रोली, लाल चंदन, सिंदूर, लाल वस्त्र साड़ी, लाल चुनरी, आदि अर्पित करें. पूजन में प्रयोग होने वाली रोली या कुमकुम से पूजा स्थल के दरवाजों की दोनों तरफ स्वास्तिक बनाना शुभ माना गया है.
7. लाल रंग को वास्तु में शक्ति या सत्ता का प्रतीक माना गया है. इसलिए रोली या कुमकुम को मस्तक पर लगाएं.
8. नवरात्रि के 9 दिन तक चूने और हल्दी से घर के बाहर दोनों और स्वास्तिक चिन्ह बनाएं. इससे माता प्रसन्न होकर साधक को सुख और शांति देती है.
9. पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखें.
10. नवरात्रि के दिनों में मंदिर सही दिशा में होना जरूरी है. ताकि पूजन का पूरा लाभ मिल सके और मां की कृपा आप पर निरंतर बरसती रहे.
Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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