विदुर नीति : इन लोगों के पास होता है अथाह ज्ञान, इनसे रहना बचकर


महात्मा विदुर महाभरत काल के विद्वानों में शामिल थे. विदुर नीति के मुताबिक जो लोग दूसरे की बातों की पूरी तन्मयता से सुनता है, उसके पास ज्ञान का भंडार यानि अथाह ज्ञान होता है. 

जिस प्रकार चाणक्य की नीति प्रासंगिक है, उसी तरह विदुर की नीति नीति भी लाइफ में हर पल काम आ सकती है. महात्मा विदुर महाभरत काल के विद्वानों में शामिल थे. अपनी कुशाग्र बुद्धि के कारण ये प्रसिद्ध हुए. इनके बारे में कहा जाता है कि ये भविष्य की परिस्थिति के पहले ही भांप लेते थे. दरअसल विदुर नीति धृतराष्ट्र के बीच हुए संवाद का मुख्य अंश है. विदुर की नीति का यदि जीवन में पालन किया जाए तो अनेक प्रकार की समस्या से बचा जा सकता है. विदुर नीति में कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताया गया है जिनके पास ज्ञान की भंडार रहता है. इसके विदुर जी ये भी बताते हैं कि कुछ लोगों से बचकर रहने में ही भलाई है. 

कौन है ज्ञानी :

विदुर नीति के मुताबिक जो लोग दूसरे की बातों की पूरी तन्मयता से सुनता है, उसके पास ज्ञान का भंडार यानि अथाह ज्ञान होता है. इसके अलावा जो व्यर्थ की बातों से दूर रहकर ज्ञान हासिल करने में अपना समया लगाता है, वह वास्तव में ज्ञानी है. साथ ही जो लोग अपनी बुद्धि से कोई काम करता है, वह ज्ञानी कहलाने लायक है. 

इनके रहना बचकर :

विदुर नीति में कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताया गया है जिनसे बचकर रहना चाहिए. विदुर नीति के मुताबिक अनैतिक लोग, नशेड़ी, लोभी, आलसी, लापरवाह और व्यभिचारी से दूरी बना लेना चाहिए. ऐसे लोगों की संगति पड़ने वाला अपना जीवन नष्ट कर बैठता है. विदुर जी ऐसे लोगों से बचकर रहने की सलाह देते हैं. 

8 विलक्षण गुण :

विदुर नीति के मुताबिक किसी भी मनुष्य में आठ गुण उन्हें औरों से अलग करते हैं. ये गुण हैं- शिष्ट व्यवहार, मधुर भाषी, पराक्रमी, कम बोलने वाला, परोपकारी, दानी और कृतज्ञ. इन विलक्षण गुणों से युक्त इंसान कहीं सैकड़ों के बीच में भी अपनी अलग पहचान बनाता है.

ऐसे करें ज्ञानी का पहचान :

विदुर के मुताबिक जो इंसान किसी काम को सफल होने के बाद किसी से कहता है, वह सच्चा ज्ञानी है.




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