चाणक्य नीति : इन अवगुणों से दूर रहकर ही मिलती है जीवन में सफलता, लक्ष्मी जी भी रहती हैं प्रसन्न

 


चाणक्य नीति के अनुसार जीवन में सफलता अर्जित करनी है तो बुरी आदतों से दूर ही रहना चाहिए. बुरी आदतें सफलता में तो बाधक होने के साथ जीवन भी तबाह कर देती हैं.


चाणक्य नीति कहती है कि बुरी आदतें सिर्फ और सिर्फ हानि ही पहुंचाती हैं. इनका जीवन की सफलता मे कोई योगदान नहीं होता है. इसलिए इन बुरी आदतों से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए. चाणक्य ने ऐसी ही बुरी आदतों के बारे में बताया है, जिनसे व्यक्ति को दूर रहना चाहिए. ये आदतें सफलता में बाधा बनती हैं.

समय की बर्बादी- चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को समय की कीमत जाननी चाहिए. जीवन में उन्हीं लोगों को लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त होती है जो समय के महत्व को समझते हैं. समय कभी भी किसी के लिए नहीं रूकता है. इसलिए जो समय एक बार गुजर जाता है, वो लौट कर फिर नहीं आता है. सफलता में समय पर लिए गए उचित निर्णय का विशेष महत्व होता है. जो समय का लाभ उठाने के लिए तैयार रहते हैं, वे अपने लक्ष्यों को पूरा कर पाने में सक्षम होते हैं.

आलस-चाणक्य नीति कहती है कि आलस एक ऐसा अवगुण है जो व्यक्ति को कभी सफलता प्राप्त नहीं करने देता है. आलस को अपनाने वाला व्यक्ति अवसरों का लाभ उठाने से वंचित रहता है. ऐसे लोगों को आगे चलकर परेशानियों का सामना करना पड़ता है. 

परिश्रम से घबराना- चाणक्य नीति कहती है कि जीवन में यदि सफलता प्राप्त करनी है तो परिश्रम यानि मेहनत करने से कभी नहीं घबराना चाहिए जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें कभी सफलता प्राप्त नहीं होती है. ऐसे लोगों को लक्ष्मी जी का भी आशीर्वाद नहीं मिलता है. परिश्रम के बिना सफलता संभव नहीं है. इस बात को अच्छे ढंग से समझने का प्रयास करना चाहिए.

नशा- चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को हर प्रकार के नशे दूर रहने का प्रयास करना चाहिए. नशा करने से सेहत के साथ मन और मस्तिष्क पर भी बुरा प्रभाव डालता है. नशा करने वाले कभी भी कुशल श्रम का प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं. ऐसे लोगों को अन्य अवगुण भी घेर लेते हैं. नशे से दूर रहकर ही जीवन में बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है. नशा करने वाले स्वयं की श्रेष्ठ प्रतिभा का भी लाभ नहीं उठा पाते हैं. नशे की लत से प्रतिभा भी नष्ट हो जाती है. लक्ष्मी जी भी ऐसे लोगों का त्याग कर देती हैं.




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