व्यक्ति में मौजूद ये 4 गुण खोल देते हैं बंद किस्मत का ताला, जानिए क्या कहती है चाणक्य नीति

 



अगर मनुष्य सद्गुणों वाला है तो जीवन में देर-सवेर उसे सफलता अवश्य ही मिलती है। चाणक्य ने कुछ विशेष गुण बताए हैं जो व्यक्ति को श्रेष्ठ बनाते हैं और उसे सफलता के शिखर तक ले जाते हैं।

चाणक्य नीति में मनुष्य के कई ऐसे गुणों का ज़िक्र है जो अगर किसी मनुष्य में हों तो उनकी किस्मत खुल जाती है। मनुष्य के कई गुण जन्मजात होते हैं तो कुछ वो अपने माता-पिता और आस पास से ग्रहण करता है। मनुष्य के गुणों पर ही उसके जीवन की दिशा तय होती है। अगर मनुष्य सद्गुणों वाला है तो जीवन में देर सवेर उसे सफलता अवश्य ही मिलती है। चाणक्य ने कुछ विशेष गुण बताए हैं जो व्यक्ति को श्रेष्ठ बनाते हैं और उसे सफलता के शिखर तक ले जाते हैं।

मज़बूत इरादे रखना- हम सबके साथ ऐसा होता है कि मुश्किल वक़्त में हम परेशान होकर मंजिल से भटक जाते हैं। मज़बूत इरादों की कमी से ऐसा होता है जो हमें सफल होने से रोकता है। चाणक्य कहते हैं कि मज़बूत इरादे वाले इंसान ही मुश्किलों को पार कर सफलता को प्राप्त करते हैं। आलस किए बिना हर मौसम में काम करने वाले मनुष्य ही सफल होते हैं।

दान करने वाला इंसान- चाणक्य कहते हैं कि दान करने वाले मनुष्य के पास कभी दरिद्रता नहीं फटकती। वो कहते हैं कि मंदिर में दान करना मनुष्य को संपन्नता देता है। गरीब और असहाय मनुष्यों की मदद करने वाला मनुष्य भी जीवन में श्रेष्ठता को प्राप्त करता है।

धैर्य रखना- चाणक्य नीति में इस बात का ज़िक्र है कि धीरज मनुष्य का बड़ा सद्गुण है जो उसे सफलता के चरम पर ले जाता है। धीरज रखने वाला मनुष्य मुश्किल वक़्त में घबराता नहीं। वहीं, जिस मनुष्य में धीरज नहीं होता वो अपने लक्ष्य की प्राप्ति में शुरुआती हार से ही निराश होकर लक्ष्य से ही भटक जाता है।

विनम्र स्वभाव का व्यक्ति- चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति की विनम्रता उसे महान बनाती है। लेकिन अगर मनुष्य का स्वभाव विनम्र नहीं है तो वो सफल होकर भी ज्यादा दिनों तक सफलता के शीर्ष पर नहीं रहता। उसका स्वभाव ही उसके पतन का कारण बनता है। इसलिए मनुष्य का स्वभाव से विनम्र होने उसे हर परिस्थिति में सफल बनाए रखता है। ऐसे मेहनती मनुष्य को कभी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता।





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