आज नाग पंचमी के दिन इस तरह कालसर्प दोष का करें निवारण, जानें लक्ष्ण और उपाय


सावन या श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह शुभ तिथि 13 अगस्त दिन शुक्रवार को है। नाग पंचमी के दिन कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए सबसे उत्तम दिन माना गया है। ज्योतिष के अनुसार, इस दिन विधि-विधान से कालसर्प दोष निवारण की पूजा करने से जातक को विशेष लाभ मिलता है। अगर कोई व्यक्ति कालसर्प दोष से पीड़ित होता है तो उसको जीवन में कोई न कोई समस्या लगी रहती है। कभी भी काम का उचित परिणाम नहीं मिलता, भलाई करने के बाद भी बुराई मिलती है और दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। आइए जानते हैं किस तरह करें नागपंचमी के दिन कैसे करें कालसर्प दोष का निवारण…

ऐसे बनता है कालसर्प दोष : ज्योतिष में राहु का अधिदेवता काल है और केतु का सर्प। कुंडली में जब राहु और केतु के बीच में सभी ग्रह आ जाते हैं तब काल सर्प दोष लगता है। यह दोष 12 प्रकार का होता है और कुंडली में इस योग के रहने से जीवन कठिनाइयों से भरा रहता है। इसलिए जिस जातक की कुंडली में कालसर्प दोष पाया जाता है तो उसे विधि-विधान से पूजा करते इस दोष का निवारण कर लेना चाहिए।

12 प्रकार के कालसर्प दोष : ज्योतिष शास्त्र में 12 प्रकार के कालसर्प दोष बताए गए हैं और इनका निवारण जन्म कुंडली देखकर ही किया जा सकता है। अनंत कालसर्प दोष, कुलिक कालसर्प दोष, वासुकि कालसर्प दोष, शंखपाल कालसर्प दोष, पद्म कालसर्प दोष, महापद्म कालसर्प दोष, तक्षक कालसर्प दोष, कर्कोटक कालसर्प दोष, शंखनाद कालसर्प दोष, घातक कालसर्प दोष, विषाक्त कालसर्प दोष, शेषनाग कालसर्प दोष।

कालसर्प दोष के लक्षण :

– कालसर्प दोष के दौरान दूसरों की गलतियों का दोषी माना जाता है या फिर बार-बार डरावने सपने आते हैं। दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है। सपनों में अक्सर सांप दिखाई देते हैं, साथ ही सपने में किसी न किसी मृत्यु देखते हैं। मेहनत का पूरा फल नहीं मिलता और हमेशा धन संबंधित समस्याएं बनी रहती हैं।

– कालसर्प दोष होने पर विरोधियों की संख्या में इजाफा हो जाता है और पूरी दुनिया में आप अकेले पड़ जाते हैं और कोई भी मदद नहीं करता। साथ ही कोई न कोई रोग लगा रहता है और पारिवारिक जीवन पूरी तरह कलहपूर्ण हो जाता है। साथ में कोई भी निर्णय सही से नहीं ले पाते हैं। काल सर्प दोष होने पर पढ़ाई-लिखाई में मन नहीं लगता या किसी कारण वश पढ़ाई बीच में छूट जाती है।

– शादी नहीं हो पाती, कोई न कोई समस्या लगी रहती है। संतान न होना, यदि संतान हो भी जाए तो प्रगति में बाधा आना। रोजगार में दिक्कत आना या नौकरी छूट जाना। गर्भपात होना या अकाल मृत्यु होना अगर ये सारे लक्षण हैं तो बताया जाता है कि कुंडली में कालसर्प दोष है। ऐसे में एक बार ज्योतिष से कुंडली जरूर दिखवा लें।

कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय : 

1- नाग पंचमी के दिन कालसर्प दोष का निवारण सबसे उत्तम माना गया है। किसी विद्वान द्वारा पूजा-पाठ करवाएं। इसके अलावा आप गोमेद रत्न या फिर चांदी से बने नाग-नागिन की आकृति वाली अंगूठी या कड़ा धारण कर सकते हैं। साथ ही किसी सपेरे से नाग पंचमी के दिन नाग-नागिन खरीदकर उनको जंगलों में छुड़वा दें, ऐसा करने से भी कालसर्प दोष का अशुभ प्रभाव कम होता है।

2- नाग पंचमी के दिन अपने वजन के बराबर कोयले के बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें, ऐसा करने से कालसर्प दोष से होने वाली परेशानियों में कमी आ जाएगी। वहीं कुछ विद्वान कहते हैं कि अगर जटा वाला नारियल और मसूर की दाल बहते हुए पानी में प्रवाहित कर दें तो कालसर्प दोष दूर होता है। साथ ही आप नाग पंचमी के दिन शिवलिंग पर पंचधातु का नाग लगवा दें और उसका अभिषेक करें।

3- कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए नासिक के पास त्रयंबकेश्वर धाम में पूजा-अनुष्ठान करवाना चाहिए, यह इस दोष के निवारण के लिए सबसे उत्तम माना गया है। ऐसा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही आप राहु और केतु के मंत्रों का जप करें। इसके अलावा सर्प मंत्र और नाग गायत्री मंत्र का जप कर सकते हैं। महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से भी राहु-केतु का असर खत्म हो जाता है।

4- नाग पंचमी के दिन नाग देवता के दर्शन करें और उनकी पूजा करें। साथ ही उनसे क्षमा याचना करें और दुखों को हरने की विनती करें। इसके बाद आप राहु और केतु की शांति की पूजा भी करवाएं। साथ ही आप चांदी के बने नाग-नागिन को जल में प्रवाहित कर दें, ऐसा करने से भी कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।






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