काले चने खाने से दूर होगी कमजोरी, लेकिन खाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

 


काले चने पोषक तत्वों का पावर हाउस कहे जाते हैं. इनमें प्रोटीन और फाइबर प्रचूर मात्रा में पाया जाता है


काले चने पोषक तत्वों का पावर हाउस कहे जाते हैं. इनमें प्रोटीन और फाइबर प्रचूर मात्रा में पाया जाता है इसलिए काले चने को अपनी डाइट लिस्ट में शामिल करने की सलाह दी जाती है. काले चने को हम कई तरीकों से अपनी डिश में शामिल करते हैं. कुछ लोग इसे सलाद की तरह खाना पसंद करते हैं, तो कुछ लोग सूप की तरह काले चने अपनी डाइट लिस्ट में शामिल करते हैं. लेकिन हम में से बहुत कम लोग ही यह जानते हैं कि काले चने सुबह-सुबह बिना पकाए भी खाए जा सकते हैं. जी हां, भीगे हुए काले चने सुबह-सुबह खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है. हालांकि इन्हें एक मुट्ठी से ज्यादा न खाएं, वरना डायरिया होने का खतरा रहता है.

क्या आप जानते हैं रातभर भीगे हुए काले चने भी काफी फायदेमंद होते हैं. इन्हें प्रोटीन और आयरन का अच्छा स्रोत माना जाता है. शाकाहारी लोग अक्सर अपने प्रोटीन को बढ़ाने के लिए परेशान नजर आते हैं. ऐसे में भीगे हुए काले चने बेस्ट ऑप्शन हैं. वहीं, अगर कोई एनिमिया से ग्रस्त है, तो वो भी इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकता है. पाचन शक्ति सुधारने में भी काले चने काफी लाभकारी हैं. भीगे हुए काले चने फाइबर से भरपूर होते हैं और पाचन शक्ति इंप्रूव करते हैं. यह हमारे शरीर से हानिकारक टॉक्सिंस निकाल कर पाचन तंत्रिका को स्वस्थ रखते हैं.

एंटीऑक्सीडेंट प्रचूर मात्रा में होने के कारण ये शरीर में ब्लड क्लॉट होने से रोकते हैं और आपके ह्दय को हेल्दी रखने में मदद करते हैं. वहीं, वजन घटाने में भी काले चने अहम रोल निभाते हैं. फाइबर से भरपूर होने के कारण ये आपको लंबे समय तक भूख लगने नहीं देते. इससे आप ओवरइटिंग से बच जाते हैं. इतना ही नहीं काले चनों में विटामिन्स और मिनरल्स भी भरपूर मात्रा में होते हैं, जो कि आपके बालों के लिए भी काफी फायदेमंद हैं. प्रोटीन होने के कारण ये बालों को झड़ने से रोकने में भी मदद करते हैं. 

अपनी डेली डाइट में काले चने शामिल करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में किया जा सकता है. काले चनों में कॉ़म्पलैक्स कार्ब्स होते हैं, जो कि डाइजेशन को धीमा करके, बॉडी में शूगर एबसोर्बशन को नियंत्रित करता है. इतना ही नहीं इसमें मौजूद कार्ब्स ब्लड शूगर लेवल को कम करते हैं और शरीर में टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को कम करते हैं. इतना ही नहीं, काले चनों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ब्रेस्ट कैंसर और कोलोन कैंसर के खतरे को कम करते हैं. 

इन बातों का रखें ध्यान : 

1. डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स का मानना है कि कई लोग बारिश के मौसम में अंकुरित काले चने पचा नहीं पाते. दरअसल, कमजोर पाचन तंत्र वाले लोगों को इसे थोड़ा संभल कर या कम मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है. चना एक भारी भोजन है, पेट में जाने के बाद इसे पचने में काफी समय लगता है, ऐसे में कमजोर पाचन तंत्र वाले लोगों का पेट गड़बड़ कर सकता है. 

2. काले चनों को काफी देर तक पानी में भिगोकर रखने से इसमें नमी बनी रह जाती है. ऐसे में इसमें कई तरह की बैक्टीरिया पैदा होते हैं, जो पेट की समस्या का कारण बन सकते हैं. ऐसे में लोगों में उल्टी, दस्त आदि होने की संभावना बढ़ जाती है. अत: बारिश के मौसम में बच्चों, कमजोर पाचन तंत्र वालों और प्रेग्नेंट महिलाओं को इसे खाने से बचना चाहिए.

3. काले चने खाने के एकदम बाद दूध न पीएं. अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो अपनी आदत बदल लें. ऐसा करने से सफेद दाग की समस्या हो सकती है.




Comments