भारत के सारे त्योहारों में सबसे प्यारा त्यौहार स्वतंत्रता दिवस का और गणतंत्र दिवस का त्यौहार है जो हर भारतवासी के लिए बड़े हर्ष ओ उल्लास का त्यौहार है जिसको हर धर्म के लोग बड़ी श्रद्धा से मनाते हैं! यों तो ये त्यौहार हर साल खास होता है पर इस बार का स्वतंत्रता दिवस बहुत खास रहा!
वो इसलिये कि देखते ही देखते आज़ादी के 75 वर्ष पूरे हो गये!
आज़ादी लफ़्ज़ तन मन को प्रफुल्लित करता है एक उमंग भरता है ज़हनी खुशी का एहसास कराता है।
पूरे देश ने आज़ादी की 75वीं वर्ष गांठ को बड़ी धूमधाम से मनाया!
भारत के इस महापर्व को
बगैर किसी भेदभाव के देश की सम्पूर्ण जनता ने हर्षोल्लास के साथ मनाया।
क्या दुकान क्या मकान क्या कार्यालय और क्या विभाग सभी जगह सभी लोगों ने इस त्यौहार को मनाया एक दूसरे को मुबारक बाद दिया एक दूसरे का मूँह मीठा कराया।
पत्रकारिता जगत के हर संगठन ने भी बड़े जोश ओ खरोश से इस पर्व को मनाया।
इसमें खास तौर से प्रिंट मीडिया जनर्लिस्ट एसोसिएशन ने ध्वजारोहण के साथ साथ एक डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म भी बनाई।
ये आज़ादी यकीनन आज के देश वासियों के लिये एक नायाब तोहफ़े की शक्ल में है!
और ये "तोहफा" जिसकी खुली आबोहवा में हम सब सांस ले रहे हैं! ये आसानी से नहीं मिला है!
इसके लिये हमारे उन पूर्वजों ने धन और मन के अलावा अपनी जाने भी कुर्बान करी हैं।
जहाँ *शहीद भगत सिंह* और उनकी कौम ने इस देश के लिये मौत को गले लगाया!
वहीं *अशफ़ाक़ उल्ला* व उनकी कौम ने हंसते हंसते शहादत का जाम पी लिया!
तो इसी जगह *चंद्रशेखर आज़ाद* व उनकी कौम भारत माता का सर फख्र से ऊंचा रखते हुए शहीद हो गये!
अंग्रेज़ो के दाँत खट्टे करने के लिये ना जाने कितने जांनिसारों ने अपनी जान ओ माल को कुर्बान कर दिया! जहाँ हिंसा की ज़रूरत पड़ी हिंसा की गयी जहां अहिंसा की ज़रूरत पड़ी अहिंसात्मक रवय्या अपनाया गया जहां पैसा खर्च करने की बात आई तो काफी लोगों ने मिसालें कायम कीं!
गोया की हमारे पूर्वजों ने आज़ादी की हर कीमत को चुकाया और आखीर में अंग्रेजों को खदेड़ कर आज़ादी को हासिल किया।
देशवासी हमेशा कर्ज़दार रहेंगे हर उस शख्स के जिसने जिस भी तरीके से आज़ादी की लड़ाई की मुहिम में हिस्सा लिया।
और हमलोगों को आज़ाद भारत का बेशकीमती तोहफा दिया।
नमन है हर क्रांतिकारी को नमन है हर शहीदों को और नमन है हमलोगों को आज़ादी दिलाने वालों को।।
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