जरूरत से ज्यादा सोने की आदत आपको कर सकती है बीमार, कई गुना बढ़ जाता है इन 6 बीमारियों का खतरा


जरूरत से ज्यादा देर सोने से आपक गंभीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं. अगर आप भी 7-8 घंटे से ज्यादा की नींद लेते हैं तो तुरंत अपनी आदत को बदल दीजिए, वरना बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

-जरूरत से ज्यादा सोने से बढ़ जाता है बीमारियों का खतरा

-हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, 7 से 8 घंटे की नींद काफी है

-इससे ज्यादा सोने का मतलब बीमारी को करीब बुलाना है

कहा जाता है कि स्वस्थ रहने के लिए सिर्फ पर्याप्त नींद ही नहीं, बल्कि समय पर नींद लेना और सही समय पर उठना भी बेहद जरूरी है. हालांकि बदलती लाइफस्टाइल के कारण बहुत कम लोग हैं जो इस नियम को आज भी फॉलो करते हैं. जबकि ऐसे लोगों की संख्या अधिक है जो छुट्टी के दिन देर तक सोते हैं. लेकिन समस्या तब हो जाती है जब ऐसा करना आपकी आदत में शामिल हो जाए और धीरे-धीरे आपको स्वास्थ्य समस्याएं परेशान करने लगे.

दरअसल, भरपूर नींद लेने से आपको अपने दिन के कामों को करने के लिए एनर्जी मिलती है. एक्सपर्ट्स भी रोजाना 8 से 9 घंटों की नींद लेने की सलाह देते हैं. लेकिन इसका यह बिल्कुल भी मतलब नहीं कि घंटों सोते रहें. ज्यादा नींद लेना आपके लिए हानिकारक हो सकता है और आपको मोटापे से लेकर शुगर जैसी बड़ी परेशानियां घेर सकती हैं. आइए जानते हैं ज्यादा देर सोने से होते हैं कौन से बड़े नुकसान हैं.

डायबिटीज का खतरा : ज्यादा देर सोने से व्यक्ति की फिजिकल एक्टिविटी ना के बराबर हो जाती है और उसका शुगर लेवल बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है. कुछ साल पहले यूनिवर्सिटी ऑफ तोक्यो ने भी 12 से ज्यादा अध्ययनों पर एक रिसर्च करने के बाद कहा थी कि 9 घंटे से ज्यादा नींद लेने वाले व्यक्ति के शरीर में शुगर का खतरा बढ़ जाता है.

दिल की बीमारी बढ़ने का खतरा : अमरीकन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी की एक रिपोर्ट के अनुसार, लंबे समय तक सोने से लेफ्ट वेंटिकुलर का वजन बढ़ सकता है, जिससे हार्ट अटैक की आशंका बढ़ने लगती है. एक दूसरे शोध में ये पाया गया है देर तक सोने की वजह से स्ट्रोक का जोखिम 46 फीसदी हो जाता है. इस स्टडी के मुताबिक, जो महिलाएं 9 से 11 घंटे की नींद लेती हैं उनमें दिल के रोग होने की संभावना 38 प्रतिशत तक बढ़ जाती है.

डिप्रेशन होने की संभावना : ज्यादा देर तक सोना आपके मूड को प्रभावित कर सकता है, और इससे आपको डिप्रेशन भी हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो नींद मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित करती है. लंबी नींद से शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है, जबकि न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर को बढ़ाने के लिए अधिक शारीरिक गतिविधि महत्त्वपूर्ण है, जो आपकी मनोदशा को बेहतर बनाती है. इसलिए सोने का एक नियम बनाएं. कोशिश करें की रात को 10 से 11 के बीच सो जाएं और सुबह 7 से 8 बजे तक उठ जाएं.

पीठ दर्द बढ़ने की समस्या : कुर्सी पर बैठकर घंटों काम करने वाले लोग अगर अधिक देर तक सोते हैं तो उन्हें पीठ दर्द , गर्दन, कंधों में दर्द की समस्या हो सकती है. इसका सबसे बड़ा असर आपकी वर्क परफॉर्मेंस के खराब होने के रूप में नजर आता है, क्योंकि आप किसी भी चीज पर ठीक से फोकस नहीं कर पाते और आलस के चंगुल में फंस जाते हैं.

मोटापा का शिकार हो सकते हैं : ज्यादा देर तक सोने की वजह से आप मोटापे के शिकार भी हो सकते हैं. क्योंकि लंबे समय तक सोने की वजह से फिजिकल एक्टिविटी न के बराबर हो जाती है. व्यक्ति अधिकतर समय अपना खाकर, बैठकर या फिर सोकर गुजार देता है. जो आगे चलकर वजन और मोटापा बढ़ने का कारण बनता है. इतना ही नहीं इसकी वजह से पाचन क्रिया धीमी होने लगती है और व्यक्ति को कब्ज की समस्या भी परेशान करने लगती है.

(डिस्क्लेमर : लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. हम इसकी पुष्टि नहीं करते. इस जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)





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